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जानिए वाई-फाई राउटर के अनेक इस्तेमाल
वाई-फाई से आजकल सभी लोग परिचित हैं, आपके घर में वाई-फाई का स्पेशल प्लेस होता है और लोगों की इंटरनेट सम्बंधी जरूरतों को इसके द्वारा पूरा किया जाता है। जो लोग इंटरनेट के हैवी यूजर होते हैं वो वाई-फाई को जरूर लगवाते हैं। घर में वाई-फाई सिग्नल को हर जगह तक पहुँचाने के लिए राउटर की जरूरत होती है।
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लेकिन क्या आप वाई-फाई राउटर के अन्य फीचर्स के बारे में जानते हैं। वाई-फाई राउटर एक यूजफूल डिवाइस होती है जिसके माध्यम से इंटरनेट सिग्नल को स्प्रेड कर दिया जाता है। आइए जानते हैं वाई-फाई राउटर के बारे में कई अन्य बातें:
#1
अगर वाई-फाई राउटर पर सिंगल फीचर को इस्तेमाल किया जाता है तो यह पूरी तरह सुरक्षित होगा। एन्क्रिप्शन, नेटवर्क के बीच डेटा को सुरक्षित करने के लिए एक तकनीकी होती है जो कि आपके निजी डेटा बाइट्स को इस्तेमाल करने से लोगों को रोकती है और आपके कनेक्शन को प्रोटेक्ट करती है।
#2
एक MAC एड्रेस, 12 डिजिट कोड होता है जो हर कम्प्यूटर को इंटरनेट पर एसाइन किया जाता है। यह, खरीदने पर आपके पीसी पर हार्ड-कोर्ड होता है और इसे बदला नहीं जा सकता है। इसे आपकी पीसी की यूनिक डिजिट भी माना जा सकता है, आप अन्य किसी MAC एड्रेस को फिल्टर आउट नहीं सकते हैं जो कि आपके वाई-फाई नेटवर्क राउटर को एक्सेस करने का प्रयास कर सकता है।
#3
प्रत्येक डेटा पैकेट, जो कि एक नेटवर्क के माध्यम से गुजरता है और पोर्ट के चैन के माध्यम से गुजरते हुए इसके गंतव्य के लिए रास्ता ढूंढता है। राउटर, इन पोर्ट का इस्तेमाल, विभिन्न प्रकार में से ट्रैफिक को फिल्टर आउट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। HTTP, सबसे कॉमन एड्रेस होता है जो आमतौर पर 80 पोर्ट का इस्तेमाल करता है, आउटगोइंग ई-मेल पर SMTP 25 पोर्ट का इस्तेमाल करता है और अन्य दूसरे, एसाइन पोर्ट पर काम करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि यह सही डिवाइस तक पहुँचे। कुल मिलाकर 65,536 पोर्ट्स होते हैं और सिक्योरिटी की जवह से इनमें से कई ब्लॉक भी रहते हैं। अगर इनमें से कोई भी एड्रेस आपको दिक्कत देता है तो पोर्ट फॉरवर्डिंग कर दिया जाता है।
#4
Quality Of Service (QoS) इसकी मुख्य विशेषता होती है। इसमें यूजर्स को इंटरनेट की स्पीड सम्ंधी समस्या बहुत कम होती है और एक साथ लोड आ जाने पर भी दिक्कत नहीं होती है।
#5
नेटगियर और लिंकसेस सहित कई राउटर निर्माता, iOS और एंड्रायड एप को आपके वाई-फाई राउटर को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने के लिए मदद करते हैं। इन एप की मदद से, आप आसानी से गेस्ट मोड, पैरेंटल कंट्रोल और कई बेसिक टास्क को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
#6
अगर आपके घर में बच्चे हैं और वो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आप पैरेंटल कंट्रोल का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि बच्चों तक किसी गलत या बेकार वेबसाइट को सर्च करने से बचाया जा सकें और उनके लिए इंटरनेट के इस्तेमाल का समय निर्धारित किया जा सके।
#7
यह सरल और आसान टिप है जो कि चीजों को आसान करने में मददगार साबित होता है। सभी वाई-फाई राउटर्स में कम से कम एक यूएसबी पोर्ट होता है, कभी-कभी ये दो पोर्ट के बीच छुपा हुआ भी हो सकता है। अगर आप पूरे इंटरनेट पर डेटा को एक्सेस करना चाहते हैं तो हर कम्प्यूटर पर जाने की जरूरत नहीं, सिर्फ इस पोर्ट से फ्लैश ड्राईप में बस प्लगइन करें और वाई-फाई के जरिए इस डेटा को किसी भी पीसी में कनेक्ट कर सकते हैं।
#8
नए राउटर्स, 2.4 GHz और 5 GHz कनेक्टिीविटी के साथ आ रहे हैं। आप अगर अब लेने वाले हैं तो 5 GHz के राउटर को लें।
#9
चैनल्स को पूरे विभिन्न नेटवर्क में डेटा को ट्रांसमिट करने के लिए राउटर्स के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। कभी-कभार, भीड़-भाड़ वाले स्थानों में, ऐसे चैनल्स, बेकार हो जाते हैं और इनमें दिक्कत आने लगती है। इस मामले में, सबसे अच्छा रहता है कि चैनल्स को मैनुअली सेलेक्ट किया जाएं। वाईफाई एनालाइजर और वाईफाईइंफोव्यू जैसे एप, इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प होते हैं।
#10
जिस प्रकार पैंरेंटल कंट्रोल हो सकता है उसी तरीके से गेस्ट एक्सेस हो जाता है। ये सुविधा कुछ प्रकार के राउटर्स में होती है। इसके लिए, गेस्ट को सब-नेटवर्क प्रोवाइड हो जाता है और उसे आसानी से यूज किया जा सकता है। आप चाहें तो इसमें किसी विशेष नम्बर को ब्लॉक भी किया जा सकता है।
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