स्‍मार्टफोन बैट्री तकनीकी में क्‍यूँ आना चाहिए बदलाव

By Aditi
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साउथ कोरियन कम्‍पनी सैमसंग के फोन नोट 7 में 51 ब्‍लास्‍ट की घटनाएं आने के बाद, फोन की बैट्री को लेकर कम्‍पनियां अधिक सतर्क होने का प्रयास कर रही हैं।

स्‍मार्टफोन बैट्री तकनीकी में क्‍यूँ आना चाहिए बदलाव

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वैसे, मोबाइल तकनीकी में पिछले एक दशक में काफी बड़े परिवर्तन हुए हैं लेकिन अभी तक बैट्री तकनीकी में खास परिवर्तन नहीं आया है। इसमें बदलाव की आवश्‍यकता क्‍यूँ होनी चाहिए:

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पिछले 15 सालों में कोई परिवर्तन नहीं

पिछले 15 सालों में कोई परिवर्तन नहीं

लीथियम ऑयन बैट्री तकनीकी में पिछले 15 सालों से कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ है। सबसे पहली बार इसे 1991 में सोनी और आशी केसाइ ने लांच किया था। तब से लेकर अभ तक इस तकनीकी का इस्‍तेमाल होता आ रहा है।

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फोन तकनीकी में बढ़ोत्‍तरी

फोन तकनीकी में बढ़ोत्‍तरी

हालांकि, फोन की तकनीकी में पिछले दो दशकों में काफी उन्‍नति हुई है। 5-6 सालों में इस तकनीकी ने बूम कर दिया है। हथेली पर रखे जा सकने वाले फोन से दुनिया के हर काम को किया जा सकता है। रैम, मोबाइल का इंटरनल स्‍पेस, प्रोसेसर, डिस्‍प्‍ले, टच आदि में बहुत प्रोग्रेस हुई है। लेकिन बैट्री में अभी भी उतनी प्रोग्रेस नहीं हो पाई है।

चैलेंज क्‍या है

चैलेंज क्‍या है

स्‍मार्टफोन हर मॉडल में नए-नए एक्‍सपेरीमेंट करते आ रहे हैं और वहीं उनकी प्रोग्रेस की बिसात है। पहले बहुत लार्ज साइज बैट्री आती थी, बाद में इन्‍हें छोटा किया गया और इनका वजन भी कम कर दिया गया। इसके लिए डेंसर लीथियम-आॅयन बैट्री यूनिट को प्रयोग में लाया गया था, और सैमसंग नोट 7 में यही तकनीकी गड़बड़ कर गई जिसकी वजह से आग लगने लगी क्‍योंकि वो उस हीट और पॉवर को हैंडल नहीं कर पाई। सैमसंग ही नहीं बल्कि कुछ अन्‍य फोन में भी ये गड़बड़ी टेस्टिंग के दौरान पाई गई थी।

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विकल्‍प

विकल्‍प

बैट्री पर मोबाइल कम्‍पनियों ने भारी कीमत लगाई है और कुछ नया खोजने का प्रयास आज भी हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, कैम्‍ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने हाल ही में, लिथियम आयन बैट्री की जगह लिथियम एयर बैट्री को बनाया है। ये परीक्षण के दौरान, आम बैट्री से 10 गुना ज्‍यादा बेहतर पाई गई है।

इसके अलावा, आगोनी नेशनल लेबोरेट्री ने भी दावा किया है कि उन्‍होंने भी लीथियम ऑयन बैट्री का विकल्‍प ढूँढ लिया है। हालांकि, उन्‍होंने अभी इसे उजागर नहीं किया है, पर वो इसे लिथियम-सुपरऑक्‍साइड बैट्री नाम दे रहे हैं। ऐसी उम्‍मीद की जा रही है कि ये तकनीकी, सभी समस्‍याओं को समाप्‍त कर देगी।

 

यूजर्स को क्‍या सावधानी बरतनी चाहिए

यूजर्स को क्‍या सावधानी बरतनी चाहिए

यूजर्स को स्‍मार्टफोन के इस्‍तेमाल के दौरान बैट्री को लेकर सावधान रहने की आवश्‍यकता है। चार्जिंग पर लगाकर फोन को इस्‍तेमाल न करें। फोन हीट होने पर उसे बंद कर दें। धूप से बचाएं या किसी भी गर्म स्‍थान पर न रखें। ज्‍यादा लम्‍बे समय तक चार्जिंग पर न लगा रहने दें।

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English summary
Smartphones have evolved significantly over years but not the batteries that powers them. Find out why the world needs the next breakthrough in battery technology.

बेस्‍ट फोन

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