Just In
- 33 min ago 5 बेस्ट Gaming Smartphones जिन्हें आप 50,000 से कम दाम में खरीद सकते हैं
- 1 hr ago वैज्ञानिकों ने बनाया ऑक्टोपस की तरह काम करने वाला हाथ
- 2 hrs ago अब Whatsapp के स्टेट्स पर भी दे सकेंगे क्विक रिस्पॉन्स, Meta ला रहा है दो और नए फीचर्स
- 18 hrs ago Google Pixel 8a की कीमत डिटेल आई सामने, यहां जानें सबकुछ
Don't Miss
- Lifestyle Guru Tegh Bahadur Ji Quotes: बहादुरी की मिसाल थे गुरु तेग बहादुर, आज भी उनके विचार दिखाते हैं जीने की राह
- News कांग्रेस MP राजीव शुक्ला,रंजीता रंजन और तुलसी कहां हैं? छत्तीसगढ़ BJP ने पोस्टर जारी करके पूछा सवाल
- Finance RC Transfer: जानिए कैसे ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाएगी गाड़ी की आरसी, देखें स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
- Movies CCTV Video- ऐसे हुआ पंकज त्रिपाठी के जीजा का एक्सीडेंट, वीडियो देख रोंगटे खड़े हो जाएंगे
- Automobiles पेट्रोल के खर्चे से हैं परेशान, तो ये बेहतरीन इलेक्ट्रिक स्कूटर दूर कर देंगे आपकी टेंशन, मिलती है जबरदस्त रेंज
- Education Assam Board 10th Toppers List 2024: असम में 75.7% छात्र पास, अनुराग डोलोई टॉपर, देखें पूरी लिस्ट
- Travel जल्द खुलने वाले हैं लखनऊ-कानपुर, अहमदाबाद-धोलेरा समेत 10 से ज्यादा एक्सप्रेसवे, List
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
कितने लोग सोते समय भी अपने पास रखते हैं स्मार्टफोन
अमेरिका में कॉलेज जाने वाले 75 फीसदी युवा स्मार्टफोन पर निर्भर रहते हैं। यहां तक कि हर पांच में से एक युवा स्मार्टफोन के बगैर खुद को असहाय महसूस करने लगता है। एक अध्ययन के अनुसार जहां 86 फीसदी युवाओं ने कहा कि वे सोते समय भी अपना स्मार्ट फोन पास रखकर सोते हैं, वहीं 81 फीसदी का कहना था कि यदि फोन उनके पास नहीं होता तो वे घबरा जाते हैं।
पढ़ें: एपल का नया बिक्री मंत्र, आईफोन 5 एस के दाम किए कम
अध्ययन में पता चला कि कॉलेज जाने वाले 63 फीसदी छात्र यह मानते हैं कि वे अपने फोन को साइलेंट मोड में भी सुन सकते हैं। जबकि 55 फीसदी का मानना है कि वे परेशानियों से बचने और मूड ठीक करने के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं।
पढ़ें: मत खरीदें सोनी के 5 स्मार्टफोन, जानिए क्यों ?
अलाबामा के मोंटगोमरी स्थित अलाबामा स्टेट युनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि कुछ मामलों में हालांकि स्मार्टफोन पर निर्भर रहना उचित है। उन्होंने कहा, "उदाहरण के लिए, एक महिला अपने आपको को सुरक्षित महसूस करती है, जब उसके पास फोन होता है और फोन नहीं मिलने पर घबरा जाती हैं।"
शोधकर्ताओं के मुताबिक कई सालों तक लगातार ऑनलाइन संपर्क के इस्तेमाल से लोग अपने विचार, सोच और राय के बारे में चिंतन करना लगभग छोड़ देते हैं और कई बार तो काफी अकेलापन महसूस करने लगते हैं। 'द ट्रथ एबाउट स्मार्टफोन एडिक्शन' शीर्षक के अंतर्गत किया गया अध्ययन नेशनल कॉलेज स्टूडेंट जर्नल में प्रकाशित होने वाला है।
-
54,999
-
36,599
-
39,999
-
38,990
-
1,29,900
-
79,990
-
38,900
-
18,999
-
19,300
-
69,999
-
79,900
-
1,09,999
-
1,19,900
-
21,999
-
1,29,900
-
12,999
-
44,999
-
15,999
-
7,332
-
17,091
-
29,999
-
7,999
-
8,999
-
45,835
-
77,935
-
48,030
-
29,616
-
57,999
-
12,670
-
79,470