इस इंजिनियर ने जो किया उसे कभी नहीं भूल पाएंगे आप!

By Agrahi
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भारत से यूके जाने के लिए आप क्या करेंगे! जाहिर है फ्लाइट की टिकेट बुक करेंगे, वीजा के लिए अप्लाई करेंगे और हो जाएंगे फुर। लेकिन नवीन राबेली नाम के एक इंजिनियर ने अपने इस सफ़र को फ्लाइट नहीं बल्कि टुक-टुक से पूरा किया। टुक-टुक कुछ और नहीं बल्कि नवीन का अपना सोलर रिक्शा है।

 
इस इंजिनियर ने जो किया उसे कभी नहीं भूल पाएंगे आप!

नवीन के द्वारा खुद डिजाईन किया व बनाया गया यह सोलर रिक्शा एक महीने में 10 देशों की यात्रा करेगा। इस रिक्शा को बनाने में नवीन के दोस्तों ने भी उसकी मदद की है।

 
इस इंजिनियर ने जो किया उसे कभी नहीं भूल पाएंगे आप!
कोच्ची से शुरू हुई नवीन की ये यात्रा, बैंगलोर और मुंबई से होते हुए अब दुबई तक पहुँच चुकी है। अब बंदार अब्बास से नवीन अपने टुक-टुक को ईरानियन शहरों में ले जाएगा।

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नवीन की इस रोमांचक यात्रा से तो हम रुबरु हो लिए, लेकिन इस रोमांच के पीछे नवीन का कारण था आम टुक टुक से पैदा हो रहे प्रदुषण को कम करना।
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दरअसल टुक-टुक भारत में काफी चलते हैं। लेकिन इससे प्रदुषण भी काफी होता है। नवीन ने तीन साल पहले एक सेकंड हैंड टुक टुक से इस सब की शुरुआत की और अपने इस रोमांचक सफ़र की तैयारी भी शुरू कर दी। इससे पहले नवीन महिंद्रा एंड महिंद्रा में काम करता था।

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नवीन के इस रिक्शा का वजन आम रिक्शा से दोगुना ज्यादा है। इस रिक्शा की छत सोलर पैनल से बनाई गयी है। यह टुक टुक एक चार्ज में 100 किमी की दूरी तय कर सकता है। यह 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी सूरज से लेता है वहीं बाकी इसे बैटरी से मिलती है।

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English summary
Naveen Rabelli An engineer went to Uk from India but on flight. He went by his self made solar auto rickshaw. This auto rickshaw is double in weighs than a normal rickshaw.

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