Just In
- 7 hrs ago Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- 7 hrs ago अब चीन में नहीं चलेंगे Whatsapp और Threads, Apple को मिला ऐप्स हटाने का आदेश
- 8 hrs ago एयरचैट: वीडियो नहीं ये है ऑडियो वाला सोशल नेटर्वक
- 9 hrs ago Redmi के इन 5 स्मार्टफोन्स पर मिल रहा बंपर छूट, अब तक के सबसे कम दाम में खरीदने का मौका, देखें लिस्ट
Don't Miss
- News मध्य प्रदेश के ग्वालियर में लगी भीषण आग, मौके पर दमकल की 17 गाड़ियां
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 कल 2 बजे आयेगा, यहां देखें UPMSP Result डाउनलोड लिंक
- Movies OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
- Lifestyle Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Automobiles 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
जानिए क्या मंगल ग्रह पर जा पाया ये यान ?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने खराब मौसम के कारण काउई के हवाई द्वीप में होने वाले तश्तरी के आकार के प्रयोगात्मक वाहन यानी कम घनत्व सुपरसोनिक डिसीलेटर (एलडीएसडी) का परीक्षण उड़ान बुधवार तक टाल दिया गया है। यह परीक्षण भारी अंतरिक्ष यान के लाल ग्रह पर लैंडिंग को संभव बनाएगा और मंगल ग्रह पर खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पढ़ें: क्या आप खरीदेंगे 19,990 रुपए का विंडो 8.1 टैबलेट
तेज हवाओं के कारण परीक्षण को कई बार टाला जा चुका है। 5 जून, 7 जून, 9 जून और अब 11 जून। नासा के अधिकारी ने कहा, "लांच के विलंब में हवाओं की स्थिति ही प्रमुख कारक बनी, क्योंकि एलडीएसडी परीक्षण यान को ढोने वाले बैलून को लांच करने के लिए सही गति और दिशा की जरूरत होती है।
पढ़ें: क्या पीएस4 से बेहतर है एक्स बॉक्स वन, जानिए ये 5 बातें
मंगल तक की उड़ान के लिए नई तकनीक हवाईयन पफर मछली के व्यवहार से प्रेरित है, जो अच्छी तैराक नहीं है, लेकिन तेजी से अपने अंदर ढेर सरा पानी भर कर एक गुब्बारे का रूप ले लीती है। जो अपने सामान्य आकार से कई गुणा बड़ी हो जाती है। हवाईयन पफर मछली के लिए यह भले ही एक सुरक्षा तंत्र हो, लेकिन नासा के लिए यह संभवत: वह तत्व है, जिससे उसे भविष्य में अंतरिक्ष खोज में मदद मिलेगी।
पढ़ें: लीजिए आ गया 19,990 रुपए का विंडो 8.1 टैबलेट
एलडीएसडी 20 फीट परिमाप वाला रॉकेट संचालित बैलून के समान यान है, जिसे सुपरसोनिक इनफ्लैटेबल एयरोडायनामिक डिसीलेरेटर (एसआईएडी) कहते हैं। 120,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए एलडीएसडी परियोजना हिलियम से भरी वैज्ञानिक बैलून का इस्तेमाल करेगा, जिसे नासा के वैलप्स फ्लाइट फैसिलिटी और कोलंबिया वैज्ञानिक बैलून फैसिलिटी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। छोड़े जाने के बाद यह बैलून 3.4 करोड़ क्यूबिक फीट से भी बड़ा होगा।
नासा ने बताया, "आकार ऐसा होगा कि इसके अंदर फुटबॉल का एक पूरा स्टेडियम समा जाएगा।
-
54,999
-
36,599
-
39,999
-
38,990
-
1,29,900
-
79,990
-
38,900
-
18,999
-
19,300
-
69,999
-
79,900
-
1,09,999
-
1,19,900
-
21,999
-
1,29,900
-
12,999
-
44,999
-
15,999
-
7,332
-
17,091
-
29,999
-
7,999
-
8,999
-
45,835
-
77,935
-
48,030
-
29,616
-
57,999
-
12,670
-
79,470