25 साल पुरानी प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज़ इन दिनों पूरी तरह से कर्ज़ में डूब चुकी है। इसी के चलते एयरलाइन की उड़ानें भी ठप्प कर दी गई हैं। हालांकि जेट एयरवेज़ का कहना है कि उड़ान को अस्थाई रूप से रोका गया है और कंपनी इस संकट से उभरने की पूरी कोशिश कर रही है।
अगर आपने भी जेट एयरवेज़ से की है टिकट बुक तो ऐसे करें रिफंड क्लेम
एयरलाइन से ज़मीन पर आ जाने के बाद तकरीबन 22 हजार कर्मचारियों के साथ हज़ारों हवाई यात्री भी प्रभावित हुए हैं। उड़ान कैंसल होने के कारण यात्री मुआवज़े की मांग कर रहे हैं। अगर आपने भी जेट एयरवेज़ के लिए अपनी हवाई यात्रा बुक की थी तो आप कुछ आसान से तरीके अपनाकर रिफंड क्लेम कर सकते हैं।
यात्री कर सकते हैं रिफंड क्लेम-
जेट एयरवेज़ एयरलाइन ने अपनी आखिर उड़ान 17 अप्रैल को भरी थी और अगले ही दिन यात्रियों को सारी यात्राएं रदद् होने की सूचना भी जारी कर दी थी। जिन यात्रियों ने अपने हवाई टिकटें बुक की थी, उन्हें मेल और एसएमएस के जरिए सूचित कर दिया गया था। ईमेल के जरिए यात्रियों से रिफंड प्रोसेस के लिए भी अपील की गई है लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपने जेट एयरवेज़ की वेबसाइट के जरिए टिकट बुक की थी तो आप सीधे वेबसाइट पर जाकर रिफंड का प्रोसेस शुरु कर सकते हैं जबकि आपने ट्रेवल एजेंट या पोर्टल जैसे मेकमायट्रिप, क्लियरट्रिप या यात्रा डॉट कॉम से टिकट खरीदी है तो आपको सीधे एजेंट या पोर्टल से ही संपर्क करना होगा।
टिकट रिफंड के लिए कैसे करें अप्लाई-
रिफंड प्रोसेस के लिए आपको कंपनी की वेबसाइट के डिसरप्शरन असिस्टेंदस पेज (https://www।jetairways।com/information/disruption-assistance।aspx) पर जाकर फॉर्म भरना होगा। डिटेल में आपसे आपका पूरा नाम, रूट, PNR या बुकिंग रेफरेंस, टिकट नंबर, ट्रैवल तिथि और कॉन्टेक्ट नंबर पूछा जाएगा। सारी जानकारी भरने के बाद आपको इस फॉर्म को सब्मिट करना है।
जेट एयरवेज़ के मुताबिक सब्मिट करने के 7-10 दिनों में आपके बैंक अकाउंट में रिफंड राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। अगर आपको रिफंड प्रोसेस में किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो आप जेट एयरवेज़ के कस्टमर सेंटर के 08039243333 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। हालांकि, कंपनी का कहना है कि भारी मात्रा में रिफंड रिक्वेस्ट आने के कारण रिफंड में थोड़ी सी देरी हो सकती है।
क्यों बंद हुई जेट एयरवेज़-
जेट एयरवेज़ भारत की बड़ी एयरलाइन्स कंपनियों में से एक थी और करीब 25 साल से अंतरराष्ट्रीय और घेरलु उड़ान सेवाएं दे रही थी। कंपनी ने एक दिन में 650 फ्लाइट्स का भी परिचालन किया है। किंगफिशर के बाद जेट अपने सेवाएं बंद करने वाली दूसरी एयरलाइन बन गई हैं। बता दें कि एयरलाइन कंपनी को 26 बैंकों का करीब 8,500 करोड़ रुपए चुकाना है और इसी नकदी संकट के कारण एयरलाइन कंपनी को अपना परिचालन रोकना पड़ा।
कर्ज़दार बैंकों में प्राइवेट बैंकों के साथ कई विदेशी बैंक भा शामिल हैं। साल 2010 से ही कंपनी लगातार घाटे का सामना कर रही थी और धीरे-धीरे जेट एयरवेज़ ईएमआई भरने की हालत में भी नहीं रही। हालांकि कंपनी की मैनेजमेंट एसबीआई के नेतृत्वर में कर्जदाताओं को खोज रही है। वहीं, यात्रियों की समस्या को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कहना है कि यात्रियों को रिफंड से जुड़ी किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए मंत्रालय भी पूरा ख्याल रखेगा।
जेट एयरवेज़ का इतिहास
जेट एयरवेज़ की शुरुआत नरेज गोयल ने सन् 1993 में की थी। उस दौर में भारत में ज्यादातर लोग हवाई यात्रा नहीं करते थे और हवाई यात्रा एक बड़ी बात मानी जाती थी। इस वजह से उस वक्त भारत में कुछ चुनिंदा हवाई सेवा ही मौजूद थी। इसकी वजह से हवाई यात्रा काफी महंगी भी थी। 2000 के दशक में जेट एयरवेज ने एयर इंडिया को पछाड़ते हुए भारत की सबसे बड़ी और अच्छी एयरवेज़ होने का दर्जा भी हासिल किया।
हालांकि इसके बाद इस दशक के बीच में इस कंपनी की परेशानियां शुरू हो गई। जेट एयरवेज़ की परेशानी तब शुरू हुई जब देश में इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी सस्ती विमान सेवा की शुरुआत हुई। इंडिगो और स्पाइस जेट और उसके बाद एयर एशिया जैसी सस्ती विमान सेवाओं वाली कंपनियों ने यात्रियों को कम कीमत सभी समान सुविधाएं देनी शुरू कर दी। जिसकी वजह से जेट एयरवेज़ की दिक्कतें बढ़नी शुरू हो गई।
कंपनी ने जेट एयरवेज़ को चलाने के लिए कर्जा लिया लेकिन उन्हें फिर भी नुकसान झेलना पड़ा और कर्जा नहीं चुका पाएं। इस तरह से लगातार कर्जा लेने और नुकसान झेलने की वजह से जेट एयरवेज़ लगातार परेशानियों के समुद्र में डूबता चला गया। हालांकि कंपनी ने अपने नुकसान की भरपाई करने और खुद को संभालने के लिए यूएई के एयरलाइंस ETIHAD से साझेदारी भी की लेकिन फिर भी वो अपने परेशानियों को कम नहीं कर पाएं। अब आखिरकार कंपनी को शट डाउन करने की नौबत आ गई।