3.5 mm audio jack की पूरी कहानी, सुनिए हमारी जुबानी


टेक्नोलॉजी की दुनिया में हर दिन बदलाव होते हैं। इन बदलावों में कुछ हमारे लिए अच्छा होता है और कुछ बुरा लेकिन तकनीक की तेज़ी से बदलती दुनिया में आपने एक चीज़ पर कभी नोटिस किया कि अब हमारे स्मार्टफोन में 3.5 mm का ऑडियो जैक नहीं दिया जाता। एक समय पर 3.5 mm का जैक काफी प्रचलन में था तो आज हम आपको इस ऑडियो के जैक के बर्थ और डेथ के बारे में विस्तार से बताएंगे।

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3.5 mm ऑडियो जैक की शुरूआत-

1979 में पहली बार जापान की मल्टीनेशनल कंपनी सोनी ने 3.5 mm ऑडियो जैक को इंट्रोड्यूस किया था। सोनी ने मार्केट में अपने एक कैसेट प्लेयर वॉकमैन को उतारा था। ये एक ऐसा डिवाइस था जिसे आसानी से पॉकेट में कैरी किया जा सकता था और हेडफोन्स के ज़रिए गाने सुने जा सकते थे। इस डिवाइस के माध्यम से जापानी कंपनी सोनी ने 3.5 mm ऑडियो जैक का इस्तेमाल किया था।

उस वक्त 3.5 mm का ऑडियो जैक देखने में भी काफी अच्छा लगा था। सोनी का वॉकमैन ऑडियो जैक के कारण पहला मास मार्केट प्रोडक्ट उभर कर सामने आया। इसके बाद इस साइज़ के ऑडियो जैक का इस्तेमाल दूसरे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स में भी किया जाने लगा।

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स्मार्टफोन्स में 3.5 mm ऑडियो जैक की शुरूआत

सोनी के वॉकमैन कैसेट प्लेयर में 3.5 mm ऑडियो जैक इस्तेमाल होने के बाद साल 2005 में नोकिया, मोटोरोला जैसे स्मार्टफोन्स अपने प्रोपराईटरी कनेक्टर्स को इस्तेमाल करना चाहा लेकिन 3.5 mm का ऑडियो जैक तब तक काफी पॉपुलर हो गया।

लोग अपने फोन और दूसरे ऑडियो प्रोडक्ट्स के लिए दो हेडफोन्स कैरी नहीं करना चाहते थे इसलिए लोगों को 3.5 mm का ही ऑडियो जैक पसंद आने लगा था। इसके बाद सारी कंपनियां इसी ऑडियो जैक का इस्तेमाल करने लगी और 3.5 mm ऑडियो जैक पहले से भी ज्यादा पॉपुलर होता चला गया। बता दें कि 3.5 mm के जैक को मिनी जैक, हेडफोन जैक और TRS जैक भी कहा जाता है।

6.35 mm ऑडियो जैक

जानकारी के लिए बता दें कि 3.3 mm ऑडियो जैक से पहले क्वार्टर इंच जैक यानि 6.35 mm का ऑडियो जैक प्रचलन में था। 3.5 mm ऑडियो के करीब सौ साल पहले यानि 1878 में इस क्वार्टर जैक का इस्तेमाल किया जाता था।

खासतौर पर टेलिफोन ऑपरेटर्स इस जैक का इस्तेमाल करते थे क्योंकि उस समय किसी से फोन पर डायरेक्ट बात करने की सुविधा नहीं होती थी। इसके लिए पहले आपको फोन लगाकर टेलिफोन ऑपरेटर से बात की जाती थी और उसके बाद ऑपरेटर आपको दूसरी लाइन पर कनेक्ट करता था।

ऐसा करने के लिए ऑपरेटर को एक ऐसे कनेक्टर की ज़रूरत पड़ती थी जो ड्यूरेबल हो और जिसे कनेक्ट करना काफी आसान हो। 6.35 mm ऑडियो जैक इसके लिए एकदम फिट बैठता था। इसीलिए इसे इस्तेमाल किया जाता था। टेलिफोन, रेडियो में क्वार्टर इंच जैक का ही इस्तेमाल किया जाता था।

करीब 100 साल 6.5 mm को ही लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया लेकिन धीरे धीरे इसको रिप्लेस कर दिया गया। हालांकि, अगर हम प्रोफेशनल कनेक्टर्स की बात करें तो 6.35 mm को प्रोफेशनल कनेक्टर माना जाता है। आज भी डीजे आदि के लिए इस जैक का इस्तेमाल होता है।

3.5 mm की कम होती पॉपुलैरिटी

जिस तरह 6.5 mm ऑडियो जैक को बदलकर 3.5 mm ऑडियो जैक प्रचलन में आया था। वैसे ही बदलती तकनीक की दुनिया ने 3.5 mm ऑडियो जैक को भी बदल दिया गया और इसकी शुरूआत की आईफोन ने। दरअसल, ऐप्पल ने अपने iphone 7 को बिना हैडफोन जैक के मार्केट में उतारा और इसकी जगह एक कनेक्टर पेश किया जिसके ज़रिए हेडफोन को लगाया जा सके। साउंड की क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए आईफोन ने लाइटिंग पोर्ट का इस्तेमाल किया।

अब बिना हेडफोन जैक के लॉन्च होते फोन

साल 2016 में जब ऐप्पल ने बिना हेडफोन जैक वाले आईफोन 7 को लॉन्च किया तो गूगल और दूसरी स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने इसका मज़ाक उड़ाया लेकिन धीरे धीरे ऐप्पल का ये स्टाइल लोगों को पसंद आने लगा। इसके बाद गूगल ने अपने स्मार्टफोन पिक्सल 2 और ओप्पो कंपनी ने भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया।

हालांकि कुछ कंपनियां अब भी हेडफोन जैक के साथ ही स्मार्टफोन लॉन्च करती है लेकिन इसे अब आउट ऑफ स्टाइल माना जाने लगा है। तो इस तरह से बेहद पॉपुलर 3.5 mm ऑडियो जैक का प्रभाव होने लगा।

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English Summary

Some of the changes in the world of technology are good for us and some bad but in a rapidly changing world of technology, you notice on one thing that now 3.5mm audio jack is not given in our smartphone. At a time, the jack of 3.5 mm was very popular, so today we will tell you the full story of this audio jack.