एक बार फिर से सुपरमून को देखने का वक्त आ रहा है। इस बार सुपरमून को देखने का मौका 8 अप्रैल को 2:35 जीएमटी यानि भारतीय समयनुसार सुबह 8:05 मिनट पर मिलेगा। यह इस साल का सबसे बड़ा और बेहद चमकदार फूलमून होगा, इसलिए इसे देखने का मजा भी बेहद खास होगा।
8 अप्रैल को पृथ्वी के काफी नजदीक आ जाएगा चंद्रमा, कितना दूर...? पढ़िए और जानिए...!
आपको बता दें कि अप्रैल में आने वाली पूर्णिमा गुलाबी चंद्रमा यानि पिंक मून कहते हैं। इस बार 2020 के अप्रैल में आने वाले इस पूर्णिमा को इस साल का सुपर पिंक मून कहा जाएगा। हालांकि दुर्भाग्य से भारत के लोग इस घटना को देख नहीं पाएंगे क्योंकि भारतीय समय अनुसार इस घटना के घटित होने का वक्त सुबह के 8 बजकर 5 मिनट पर है।
ऑनलाइन देख पाएंगे सुपरमून
उस वक्त भारत में सूर्य की किरणों की वजह से रोशनी काफी ज्यादा होगी और ऐसे में सुपरमून को देखना संभव नहीं हो पाएगा। फिरभी अगर आप उस दिन इस घटना को देखना चाहते हैं तो आप उसी वक्त इसे ऑनलाइन इंटरनेट के माध्यम से लाइव देख सकते हैं। Slooh अपने यूट्यूब चैनल पर इस घटना को लाइव दिखाएगा। आप वहां से इस घटना को देख सकते हैं। हम इस आर्टिकल में भी नीचे उस दिन के लिंक को अटैच कर रहे हैं जिससे आप यहीं से सुपरमून को देख पाएंगे।
आइए हम आपको सुपरमून के बारे में कुछ बाते बताते हैं। दरअसल, चंद्रमा जब पृथ्वी के कक्ष यानि ऑर्बिट के काफी नजदीक आ जाता है तो उसका आकार पृथ्वी से काफी बड़ा दिखता है और वह काफी चमकीला भी दिखाई देता है। इस वजह से उस दिन दिखने वाले चंद्रमा को सुपरमून कहते हैं।
सुपरमून का रहस्य
8 अप्रैल को भी चंद्रमा पृथ्वी के ऑर्बिट के काफी नजदीक में आएगा और इस वजह से पृथ्वी से चंद्रमा काफी बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। आम तौर पर हम जानते हैं कि पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3,84,000 यानि 3 लाख 84 हजार किमी. होती है लेकिन 8 अप्रैल को पृथ्वी और चंद्रमा की दूसरी 3,56,907 यानि 3 लाख, 56 हजार, 9 सौ सात किमी. होगी। लिहाजा उस दिन पृथ्वी से चंद्रमा की दूसरी 27,093 किमी. कम हो जाएगी। इस वजह से चंद्रमा काफी बड़ा और चमकीला दिखाई देगा और इसी वजह से ऐसे दिन दिखने वाले चंद्रमा को सुपरमून कहा जाता है।
हालांकि आपको एक बात बता दें कि ऐसा जरूरी नहीं होता है कि पूर्णिमा में ही सुरपमून दिखाई दे। असल में चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाता है। ऐसे में वो कई बार पृथ्वी से काफी दूर भी होता है और वहां से भी फुलमून यानि पूर्णिमा दिखाई देता है। लिहाजा, ऐसा जरूरी नहीं है कि फुलमून के वक्त ही सुपरमून दिखाई दे। सुपरमून तभी दिखाई देगा जब चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक होगा।