भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री एक अलग दौर से गुजर रही है, जिसमें सभी कंपनियों के बीच कड़ा कॉम्पिटीशन चल रहा है। कंपनियों के बीच चल रही इस कड़ी टक्कर में कुछ कंपनियां विलय हो गईं तो कई कंपनियां खत्म ही हो गईं। अब टेलीकॉम इंडस्ट्री के हालातों को लेकर एक और रिपोर्ट सामने आई है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, पब्लिक सेक्टर की टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड ने साल 2017 में सबसे बुरा प्रदर्शन किया, जिसका असर सरकार पर भी हुआ है।
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बीएसएनएल और एमटीएनएल दोनों ही सरकार के स्वामित्व वाली टेलीकॉम कंपनियां हैं, जिन्होंने 2017-2018 के वित्तीय वर्ष में बहुत ही बुरा प्रदर्शन किया है। पब्लिक सेक्टर की एयरलाइन एयर इंडिया ने भी 2017 के वित्तीय साल में खराब प्रदर्शन किया है। इस तरह सरकार को तीनों पीएसयू की वजह से सरकार को काफी नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2016-17 में टॉप दस घाटे वाली सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज में से 55.66 परसेंट घाटा सिर्फ एमटीएनएल, बीएसएनएल और एयर इंडिया की वजह से हुआ। पार्लियामेंट में बुधवार को पेश हुए सर्वे में कहा गया कि इंडियन ऑइल, कोल इंडिया और ओएनजीसी सबसे ज्यादा लाभ पहुंचाने वाली टॉप तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं।
टेलीकॉम इंडस्ट्री में हुए बदलाव के बाद कुछ समय पहले रिलायंस जियो ने अपनी कॉलिंग और डेटा सर्विस बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद एयरसेल ने भी अपनी सर्विस बंद करने का ऐलान किया है। एयरसेल के पर करीब 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में कंपनी इस समय फायनेंशियल क्राइसिस से भी गुजर रही है। इसके अलावा वोडाफोन इंडिया और आइडिया सैल्यूलर ने विलय का ऐलान कर दिया है।
बता दें कि कई टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जियो पर इंडस्ट्री के हालात बिगाड़ने का आरोप लगा चुकी हैं। कंपनियों का कहना है कि जियो ने बहुत ही कम कीमत पर टैरिफ प्लान पेश किए थे, जिसका मुकाबला करने के लिए अन्य कंपनियों को भी अपने टैरिफ प्लान की कीमतें घटानी पड़ी। कुछ समय पहले आई रिपोर्ट में कहा गया था कि रिलायंस जियो की वजह से टेलीकॉम इंडस्ट्री को भी घाटा उठाना पड़ा है।
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