डिफेंस रिसर्च और डिवलेपमंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने सफलतापूर्वक लंबी दूरी जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया. इस कदम को भारत की सैन्य शक्ति को और ज्यादा मजबूत करने की तरफ एक बढ़त का कदम बताया जा रहा है. ओडिशा के तट से दूर नौसेना के युद्धपोत आईएनएस चेन्नई से ये सफल परीक्षण किया गया।
DRDO ने किया LR-SAM मिसाइल का सफल परीक्षण, 100KM तक दुश्मनों को करेगी तहस-नहस
100 KM तक छुड़ा सकती है दुश्मनों के छक्के
परीक्षण की गई लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (LR-SAM) एक एंटी रेडिएशन मिसाइल है जो कि करीब 100 किलोमीटर तक दुश्मनों की नाक में दम कर सकती है. मिसाइल ने टेस्टिंग के दौरान हवा में ठीक अपने लक्ष्य पर निशाना लगाया. इस मिसाइल की कामयाबी को मील के पत्थर के तौर पर देखा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक, 8 बराक LR-SAM मिसाइल को भारत और इजरायल में राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम समेत भारत और इजरायल में रक्षा ठेकेदारों के सहयोग से संयुक्त रूप से तैयार किया गया है।
जानकारी हो कि बराक 8 भारत और इजरायल की संयुक्त लंबी दूरी वाली सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है. जिसमें इजरायल की इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और भारत की डीआरडीओ ने मिलकर डिजाइन किया है. साल 2009 में दोनों देशों में एक साथ मिलकर 24 मिसाइल तैयार करने का समझौता हुआ था। इस मिसाइल को विमान, हेलीकाप्टर, एंटी शिप मिसाइल और यूएवी के साथ-साथ क्रूज़ मिसाइलों और फाइटर जेट प्लान्स के किसी भी प्रकार के हवाई खतरे से बचाने के लिए तैयार किया गया है। इस सिस्टम के समुद्री और जमीन दोनों पर आधारित एडिशन मौजूद हैं।
रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई
LR-SAM मिसाइल की कामयाब टेस्टिंग पर देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से ट्वीट जारी कर इसे एक मील का पत्थर बताया गया. उन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय नौसेना को "ऐतिहासिक उपलब्धि" के लिए बधाई दी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, "भारत ने आईएनएस चेन्नई में LR-SAM के सफल उड़ान परीक्षण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. मिसाइल ने कम ऊंचाई पर आ रहे हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा. उन्होंने लिखा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए वे DRDO, भारतीय नौसेना समेत इससे जुड़े तमाम स्टेकहोल्डर्स को बहुत बहुत बधाई देती हैं।
बताते चलें कि फिलहाल इस मिसाइल का सिर्फ परीक्षण किया गया है लेकिन जब ये मिसाइल पूरी तरीके से लागू कर दी जाएगी तो इसे युद्धपोतों पर तैनात कर दिया जाएगा. ये महत्वपूर्ण मिसाइल दुश्मनों के अटैक से देश को बचाएगी और साथ ही अपनी 100 किलोमीटर तक दुश्मनों को खदेड़ने की क्षमता के कारण उनको तहस-नहस कर देगी।
गौरतलब है कि एक तरफ जहां रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इस लॉन्ग रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल का सफल परीक्षण किया वहीं इसरो ने भी कलामसैट और माइक्रोसैट की कामयाब टेस्टिंग की जो कि एक लैंडमार्क अचीवमेंट के तौर पर देखी जा रही है. इसके अलावा बता दें कि जल्द ही भारत का दूसरा लूनर मिशन चंद्रयान-2 भी 25 मार्च से अप्रैल तक पूरा किया जा सकता है।