पूरे देश में लॉकडाउन को एक सप्ताह हो गया है और इस दौरान बिगबास्केट और ग्रोफर्स जैसे ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्मों को कर्मचारियों की कमी के कारण डिलीवरी पहुंचाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्मों को लॉकडाउन के 24 मार्च मध्यरात्रि से लागू होने से पहले ही काफी ऑर्डर प्राप्त हुए थे, जिन्हें इन कंपनियों को पूरा करना है।
लॉकडाउन से सुस्त पड़ी ऑनलाइन डिलीवरी, ग्राहक परेशान
केंद्र के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों के आश्वासन के बाद, पिछले सप्ताह ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्मों ने उपयोगकर्ताओं को अगले चार से पांच दिनों में उसकी सेवाओं के सुव्यवस्थित होने का आश्वासन दिया था। मगर लॉकडाउन की वजह से कंपनी अपनी डिलीवरी प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पा रही हैं। ग्रोफर्स के पास वर्तमान में पांच लाख ऑर्डर हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, हम अपनी 100 प्रतिशत क्षमता से बहुत कम काम कर पा रहे हैं। क्योंकि सभी गोदामों के लिए परमिट की आवश्यकता है और डिलीवरी के लिए भी पास की आवश्यकता है।
पढ़ें: कोरोना वायरस की वजह से एयरटेल ने मुफ्त टॉकटाइम देने का किया ऐलान
अब तक ग्रोफर्स को अपने लगभग 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए पास मिल गए हैं। कंपनी ने कहा, स्थानीय अधिकारी बाकी पासों के साथ हमारी मदद कर रहे हैं। इसमें कुछ और दिन लग सकते हैं। लॉकडाउन के कारण डिलीवरी पार्टनर घर चले गए हैं और ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म उन्हें वापस आने का अनुरोध कर रहे हैं। ग्रोफर्स ने कहा, हमें वापस अपने 100 प्रतिशत परिचालन के लिए कुछ दिन लगेंगे।
पढ़ें: आपके स्मार्टफोन पर भी आ सकता है कोरोना वायरस, ऐसे करें साफ और रहें सुरक्षित
ऑनलाइन सामान मंगाने वाले देश भर में लाखों उपयोगकर्ता (यूजर्स) भी निराश हैं, क्योंकि उन्हें उनका सामान समय से नहीं मिल सका है। यह ग्राहक कंपनियों को अपने महत्वपूर्ण सामानों की डिलीवरी की समयसीमा पता करने के लिए संदेश भी लिख रहे हैं। यूजर्स सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी बातें रख रहे हैं।
ग्रोफर्स की तरह की बिगबास्केट कंपनी भी दिक्कतों का सामना कर रही है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने अब अधिक ट्रैफिक (यूजर्स के ऑर्डर) को संभालने के लिए अपनी सर्वर क्षमता में 50 प्रतिशत की वृद्धि की है, जो अधिक ऑर्डर देने में मदद करेगा।कंपनी ने कहा कि वह पिछले हफ्ते अपनी क्षमता के 10 प्रतिशत पर काम कर रही थी और अब नियोजित क्षमता के 40 प्रतिशत पर काम कर रही है।