रिलायंस जियो ने 2016 में टेलिकॉम बाजार में कदम रखा था। कुछ समय बाद ही लाखों यूजर्स जियो से जुड़ गए थे। जियो के आने के बाद ही बाकी टेलिकॉम कंपनियों के पसीने छुट गए थे। आज के समय में जियो सबसे भरोसेमंद सर्विस देने के लिए जाना जाता है। खबर आ रही है कि 1992 में शुरू हुए जी टीवी समूह को डूबने से बचाने के लिए मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो अपना हाथ आगे बढ़ा सकती है। एक मीडिया रिपोर्ट से पता चलता है कि जियो ऐसेल समूह की आधे से ज्यादा हिस्सेदारी को खरीदने की तैयारी कर रही है।
Jio अब Zee TV की डुबती नैया को लगाएगा पार: रिपोर्ट
क्या है पूरा मामला
जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा को 3 महीने का समय मिला है। जिसके दौरान उन्हें अपनी हिस्सेदारी बेचनी है। सुभाष चंद्रा ने बताया कि कंपनी काफी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने शेयर के दामों पर असर के लिए 'नकारात्मक ताकतों' को जिम्मेदार ठहराया था। एस्सेल समूह के अधिकारियों की रविवार को म्यूचुअल फंड तथा गैर-बैंकिंग कर्जदाताओं के साथ बैठक हुई जिसमें सहमति बनी कि कर्ज को डिफॉल्ट घोषित नहीं किया जाएगा।
बता दें, जी ग्रुप की हिस्सेदारी खरीदने के लिए अमेजन, एप्पल, टेनसेंट और अलीबाबा के अलावा एटीएंडटी, सिंगटेल, कोमकास्ट व सोनी पिक्चर्स जैसे जाने मानेंं नेटवर्क रूचि दिखा रहे हैं। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइज लिमिटेड के प्रमोटर्स अपनी 50 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने जा रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योकिं, जी समूह की डीटीएच कंपनी डिश टीवी के शेयरों में सोमवार को 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई।
वहीं जी एंटरटेनमेंट का शेयर भी काफी गिर गया है। हालांकि निवेशकों ने कंपनी को भरोसा दिया है कि वो इसको दिवालिया घोषित नहीं करेंगे। एस्सेल समूह ने इस बारें में बात करते हुए कहा कि आर्थिक संकट का सामना कर रहे समूह के प्रवर्तकों पर जिन कर्जदाताओं का 13 हजार करोड़ रुपये बकाया है, वे कंपनी के शेयर गिरवी रखकर लिये गये कर्ज को डिफॉल्ट घोषित नहीं करेंगे। ऐसे में रिलायंस जियो जीटीवी समूह को डूबने से बचा सकता है।