रिलायंस जियो के आने के बाद टेलिकॉम सेक्टर में काफी बदलाव देखने को मिला है। कंपनियां सबसे आगे रहने के लिए एक से बढ़कर एक कदम उठा रहीं हैं। जिसके चलते प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान को पेश किया जा रहा है। सभी टेलिकॉम कंपनियों के लिए रिलायंस जियो प्रतिस्पर्धी है। जिसे पीछे छोड़ने के लिए वह जी जान लगा रहे हैं।
Jio पर वोडाफोन ने लगाया आरोप, जानिए पूरा मामला
हालांकि टेलिकॉम कंपनी Vodafone ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) पर एक बड़ा आरोप लगा दिया है। वोडाफोन के सीईओ निक रीड ने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत में टेलीकॉम सेक्टर के लिए नियामक संबंधी जितने भी फैसले आए हैं, वे रिलायंस जियो के पक्ष में रहे है, जबकि अन्य ऑपरेटरों के खिलाफ रहे हैं।
वोडाफोन की बेहतर स्थिती
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि वोडाफोन कंपनी पिछले कुछ वक्त से भारत में मुश्किल दौर से गुजर रही है। जिसकी खास वजह रिसायंस जियो ही है। इसी के चलते वोडाफोन और आइडिया के बीच मर्जर हुआ है। निक रीड के मुताबिक अब वोडाफोन खुद को बेहतर स्थिती में पा रही है। वहीं, उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में भारत में टेलिकॉम सेवा की दरें सबसे कम और कारोबार के लिहाज से सही नहीं है।
भारत में औसतन ग्राहक इतनी कम दर से हर माह 12 जीबी डाटा का इस्तेमाल कर रहा है, जो दुनिया में कहीं नहीं है। हालांकि वोडाफोन इंडिया द्वारा रिलायंस जियो और ट्राई पर लगाए गए आरोप को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। रिलायंस जियो ने फिलहाल इस आरोप को लेकर चुप्पी साध रखी है। वहीं ट्राई ने भी इस बात पर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।
जियो के खिलाफ बना महागठबंधन
अब जियो को कड़ी टक्कर देने के लिए एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने महागठबंधन बनाना का फैसला किया है। भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया कंपनी ने फाइबर नेटवर्क शेयर करने का फैसला किया है। ये सभी कंपनियां मिलकर अभी इस योजना पर काम कर रही है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया एक कॉमन फाइबर नेटवर्क की शुरुआत कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो जियो कंपनी को निश्चित रूप से एक कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
आपको बता दें कि जियो की तेज रफ्तार से आगे निकलने के लिए देश की बड़ी टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया पहले ही मिल चुके हैं। अब इस गठबंधन में एयरटेल कंपनी भी शामिल होने जा रही है। जिसके बाद यह गठबंधन एक महागठबंधन बन जाएगा, जो जियो को एक कड़ी चुनौती देने के लिए तैयार होगा।
अंग्रेजी अख़बार द इकोनॉमिक टाइम्स में छपे एक रिपोर्ट के अनुसार, एयरटेल के एक उच्च अधिकारी ने इस गठबंधन पर खुशी जताते हुए कहा कि हमें इस साझेदारी से एक कंपनी बनाने की खुशी है। हम वोडाफोन आइडिया के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। आपको बता दें कि एयरटेल पहले ही साफ कर चुका है कि अब वो ग्राहक बढ़ाने से ज्यादा कमाई बढ़ाने पर ध्यान देगा। ऐसे में उनका फोकस प्रीमियम ग्राहक हैं। इसी वजह से एयरटेल ने महीने में कम से कम 35 रुपए का रिचार्ज कराना अनिवार्य कर दिया है।