Just In
- 10 hrs ago लाइव हुआ Free Fire MAX OB44 Update, मिलेंगे कई सारे फीचर्स और रिवॉर्ड्स
- 12 hrs ago डॉक्सिंग क्या होती है, क्या इसके लिए जेल जाना पड़ सकता है?
- 13 hrs ago Nothing ने भारत में दो नए Earbuds किए लॉन्च, जानें कीमत, उपलब्धता और स्पेक्स
- 13 hrs ago मैग्नेटिक चार्जिंग वाले Infinix के इस दमदार फोन की सेल शुरू,हजारों तक का मिल रहा गिफ्ट, यहां जानें सबकुछ
Don't Miss
- Lifestyle Mukesh Ambani Quotes On Success: हर युवा को प्रेरित करते हैं मुकेश अंबानी के ये विचार
- News Weather Update: हल्की बारिश से आज मिल सकती है राहत
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Movies VIDEO: भगवान कृष्ण के सामने सीमा ने की अश्लीलता, वीडियो देख भड़के लोग बोले- कौन से कोठे पर...
- Finance Quarter 4 Result: Bajaj और Infosys ने जारी किया चौथे क्वार्टर का रिजल्ट, दोनों को मिला है बंपर मुनाफा
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Automobiles टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
तेज म्यूजिक का मजा कहीं बन ना जाए कानों के लिए सजा
मगर आईपॉड हो या फिर एमपी 3 प्लेयर हो हेडफोन या ईयरबड्स की मदद से जरूरत से ज्यादा तेज आवाज लगातार लंबे वक्त तक सुनने से कानों को काफी नुकसान पहुंच सकता है। आजकल हियरिंग लॉस की यह एक बड़ी और महत्वपूर्ण वजह है। शहरी इलाकों में तेज आवाज के कारण युवा आमतौर पर हेडफोन में तेज आवाज के साथ म्यूजिक सुनते हैं जो उनके कानों के लिए काफी घातक होता है।
तेज म्यूजिक कैसे नुकसान पहुंचाता है हमारे कानों को
हमारें कान आवाज के मामले में काफी संवेदनशील होते है हमारे कान के तीन हिस्से होते हैं आउटर इनर और मिडिल। आउटर ईयर धवनी तंरगों को ग्रहण करने का काम करत हैं जिससे इयर ड्रम में कंपन होता है इससे मिडिल इयर में स्थित छोटी हडडियों में गति आ जाती है गति आते ही इयर सेल दिमाग तक इलेक्ट्रानिक सिग्नल भेजते हैं जिसे हमारा दिमाग पहचान कर एक इमेज क्रिएट करने लगता है। हमारे कानों में करीब 15 हजार इयर सेल होते हैं।
कानों में 80 डेसिबल से अधिक आवाज कानों की तंत्रिका कोशिकाओं को कमजोर बना सकती हैं और व्यक्ति बहरेपन का शिकार हो जाता है। तेज आवाज के साथ के साथ मोबाइल फोन और आईपॉड आदि से चुंबकीय तरंगें भी तंत्रिका कोशिकाओं को खत्म कर करती हैं। जिससे व्यक्ति बहरा हो जाता है। जब तक हमें पता चलता है कि हमे सुनने में दिक्कत आ रही है। तब तक 30 फीसदी तंत्रिका कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। एक बार नष्ट हुई तंत्रिका कोशिकाओं को ठीक दुबारा ठीक नहीं किया जा सकता है।
म्यूजि़क सुनते समय किन-किन बातों का रखें ध्यान
- म्यूजिक सुनते समय आईपॉड या म्यूजिक प्लेयर के वॉल्यूम को लो लेवल या मीडियम में ही रखें क्योंकि म्यूजिक सुनते वक्त हमारे कानों को होने वाला नुकसान इस बात पर तो निर्भर करता ही है कि हम कितनी तेज आवाज में म्यूजिक सुन रहे हैं
- कितनी आवाज कितनी देर तक सुनना चाहिए इसके लिए 60/60 के नियम को फॉलो कर सकते हैं। इसमें म्यूआईपॉड को 60 मिनट के लिए उसके मैक्सिमम वॉल्यूम के 60 फीसदी पर सुनें और फिर ब्रेक लें। ब्रेक लेने से कानों को आराम मिल जाता है और कानों को नुकसान कम होता है। आईपॉड को फुल वाल्यूम में रोजाना 5 मिनट से ज्यादा संगीत सुनना ठीक नहीं है।
- बाजार में म्यूजिक सुनने के लिए दो तरह के विकल्प मौजूद है, हेडफोन और ईयरबड्स दोनों में से ईयरबड्स की बजाय हमेशा हेडफोन का इस्तेमाल करना चाहिए हेडफोन से कानों में तेज आवाज का असर कम होता है। ईयरबड्स में 60 डेसिबल तक का म्यूजिक सुनने में कोई भी दिक्कत नहीं है मगर जब आप 70 से 80 डेसिबल में म्यूजिक सुनते है तो यह कानों को काफी नुकसान पहुंचाता है।
- अगर आप कॉल सेंटर में काम करते है तो हो सकता है आप दिन भर अपने कानों में हेडफोन लगाते हों, या फिर कारखाने के अंदर मशीनों का शोरगुल के बीच काम करते हो, ऐसे में महिने में कम से कम एक बार किसी ईएनटी डॉक्टर से अपने कानों का चैकअप जरूर कराएं।
-
54,999
-
36,599
-
39,999
-
38,990
-
1,29,900
-
79,990
-
38,900
-
18,999
-
19,300
-
69,999
-
79,900
-
1,09,999
-
1,19,900
-
21,999
-
1,29,900
-
12,999
-
44,999
-
15,999
-
7,332
-
17,091
-
29,999
-
7,999
-
8,999
-
45,835
-
77,935
-
48,030
-
29,616
-
57,999
-
12,670
-
79,470