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इन 10 तरीकों से बनेगा भारत डिजिटल इंडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में डिजटल इंडिया वीक लांच किया। दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में रिलायंस के लीडर मुकेश अंबानी और टाटा ग्रुप के सायरस मिस्त्री मौजूद थे। जहां पर देश विकास को कई बातें हुईं।
पढ़ें: लॉकर नहीं अब फाइलें संभालेगा डिजिटल लॉकर, जानिए इसके 8 फीचर
देश को डिजटल इंडिया के लिए क्या करना चाहिए। कैसे देश के युवाओं का विकास होगा। इस तरह की बातों पर जोर दिया गया। विकासशील देशों के श्रेणी में आने के लिए डिजटलाइजेशन की बहुत जरूरत है। इससे न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा बल्कि युवाओं को बहुत फायदा होगा।
मोबाइल गर्वनेंस
पीएम ने कहा देश की ई-गर्वनेंस जल्द ही बदलकर एम-गर्वनेंस होनी वाली है। यहां एम-गर्वनेंस का मतलब मोदी से नहीं हैं। यहां एम का मतलब मोबाइल से है। मोबाइल गर्वनेंस ही आज की सरकार की जरूरत है।
मेक इन इंडिया
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है लेकिन डिजाइन इन इंडिया उससे भी ज्यादा जरूरी है। डिजटल इंडिया तभी सफल होगा। जब हम देश में भी कुछ नया क्रिएट करें। अलग उम्र के लोगों के लिए, अलग भाषा को ध्यान में रखकर इस ओर काम करना होगा। भारत 125 करोड़ लोगों का बाजार है।
करीब चार लाख करोड की लागत
भारत को डिजटल इंडिया में तब्दील करने के लिए अच्छी लागत की भी जरूरत है। डिजटल इंडिया को मुकाम पर पहुंचाने के लिए करीब चार लाख करोड की लागत लगेगी। वहीं इससे लगभग 18 लाख लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इससे देश की बेरोजगारी कम होगी। वहीं युवाओं को भविष्य भी बेहतर होगा। रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि डिजटल इंडिया के लिए करीब ढाई लाख करोड़ निवेश करने वाले हैं।
डिजिटल लॉकर
बैंक लॉकर से तो हम सब वाकिफ हैं मगर अब समय डिजिटल लॉकर इस्तेमाल करने का है। उसके बारे में जानना जरूरी है। इससे न सिर्फ पेड़ पौधों की कटाई कम होगी बल्कि पेपर का इस्तेमाल भी कम होगा। हम बात कर रहे हैं डिजटल गोडाउन की जहां पर ऑनलाइन राशन कार्ड, बिजली का बिल और वोटर कार्ड जैसे जरूरी कागजों को रखा जा सकेगा।
ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क
आने वाले समय में लोग वहां पर रहना पसंद करेंगे जहां पर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, ब्राडबैंड की सेवा उपलब्ध हो। सुविधाजनक जगह हर किसी को रास आती है। आज के युवा की बात करें तो उनके लिए ये सुविधा सबसे खास है।
डिजिटल पॉवर
हमारे यहां बच्चा भी डिजिटल पॉवर को समझता है। हाल ही में जो बच्चा हमारे चश्में से खेलता था अब वो हमारे फोन तक पहुंच चुका है। इसका मतलब ये हुआ कि छोटे बच्चों को भी मोबाइल और डिजटालाइजेशन की समझ है।
भारत को अगल पहचान मिले
मैं ऐसे डिजटल इंडिया की कल्पना करता हूं जहां पर भारत को विश्व में बड़ें इंडिया के लिए देखा जाए। ताकि विश्व में भारत को अगल पहचान मिले।
मेरा सपना
मेरा सपना डिजिटल इंडिया को वहां देखने का है। जहां पर तेज गति डिजटल हाईवे देश को जोड़ें। जिसे 1.2 अरब भारतीय इनोवेशन के लिए इस्तेमाल कर सकें। बढती हुई अर्थवस्था और कम होते स्मार्टफोन के दाम ने भारत को ऐसे स्थान पर खड़ा किया है। जहां पर स्मार्टफोन यूज करने वालों संख्या लगातार बढ़ रही है।
इंटरनेट स्पीड
डिजटल इंडिया का सपना सच कर में चुनौतियां तो बहुत हैं । भारत की सामांय इंटरनेट स्पीड 115वें स्थान पर थी। जोकि हाल ही में हुए सर्वे में उससे आगे जा चुकी है। फिलहाल अप्रैल तक सर्वे के मुताबिक भारत में करीब सौ मिलियन लोग बॉडबैंड इस्तेमाल करते हैं।
इंटरनेट
भारत में करीब 25 करोड़ लोग इंटरनेट यूज करते हैं। फिर भारत ही ऐसी जगह हैं जहां पर इंटरनेट न यूज करने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसलिए जरूरी है कि इंटरनेट से हर कोई जुडे़।