Just In
- 25 min ago भारत में लॉन्च हुआ HP Omen Transcend 14 गेमिंग लैपटॉप, कम वजन के साथ AI सपोर्ट भी शामिल
- 1 hr ago Dell ने भारत में लॉन्च किए AI फीचर्स वाले लैपटॉप, कीमत से लेकर जानें सारी जानकारी
- 1 hr ago पुराने स्मार्टफोन को कार डैशकैम की तरह कैसे यूज़ करें?
- 2 hrs ago Honor X9b 5G पर बंपर डिस्काउंट, अब तक के सबसे कम दाम में खरीदें फोन, यहां जानें डिटेल
Don't Miss
- News यूक्रेन और इजराइल युद्ध से गंभीर सबक... क्या भारत ईरान जैसे हमलों से अपनी रक्षा कर सकता है? जानिए कमियां
- Finance फिक्स डिपॉजिट में सीनियर सिटीजन को 5 वर्षों में मिलेगा जबरदस्त रिटर्न, जानिए कितना होगा फायदा
- Movies जब पत्नी गौरी खान के साथ किराए के घर में रहते थे शाहरुख खान, चंकी पांडे के घर करने जाते थे ये काम
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं मार्कशीट डाउनलोड कैसे करें? Website, SMS, DigiLocker
- Automobiles Bajaj Chetak इलेक्ट्रिक स्कूटर का किफायती वेरिएंट जल्द होगा लॉन्च, जानिए कितनी होगी कीमत?
- Travel 5 शहर जो जुझ रहे हैं अत्यधिक भीड़ की समस्या से, अभी ड्रॉप कर दें यहां घूमने जाने का प्लान
- Lifestyle Save Earth Rangoli Design : इन रंगोली डिजाइन से दें पृथ्वी बचाओ का संदेश, यहां से लें आइडिया
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
मशीन से बनाए गए हैं ये कान
आधुनिक युग में हर क्षेत्र में 3-डी तकनीक का उपयोग तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब इसी के तहत, अमेरिका के शोधकर्ता 3-डी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बच्चों का रिब कार्टिलेज का मॉडल बनाने में जुटे हैं।
इन वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि नवीन पदार्थों से बने इस मॉडल का उपयोग कान बनाने में किया जा सकेगा। शोधकर्ता एंजेलिक की माने तो आने वाले समय में इस तकनीक से लाभ हो सकेगा, अभी इसपर अनुसंधान किया जा रहा है।
पढ़ें: जानें सेल्फी और फोटोग्राफ के बीच का अंतर
पढ़ें: अपने खाने में लगाइए 'सेल्फी स्पून' का तड़का!
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की माने तो रिब कार्टिलेज की सहायता से ऐसे बच्चों के नये कान बनाए जा सकेंगे जिनके कान नहीं हैं या फिर कान पूरी तरह विकसित नहीं हुए हैं। वैज्ञानिक फिलहाल इसे कार्यरूप देने के लिए उपयुक्त पदार्थ नहीं खोज पाएं हैं। उनको सूअर अथवा शवों के रिव लेने का परामर्श मिला है किंतु उनकी समानता व आकार पर संदेह की स्थिति
बनी हुई है। आपको बताते चलें कि वैज्ञानिकों द्वारा यह भी दावा किया जा रहा है कि उन्होंने 3-डी तकनीक से ‘मिनी ब्रेंस' यानि लघु मस्तिष्क तकनीक विकसित कर ली है। इस तकनीक का उपयोग दवा के प्रयोग, न्यूरल टिश्यू ट्रांसप्लांट यानि स्नायु ऊत्तक प्रत्यारोपण व स्टेम सेल की कार्यप्रणाली को जानने में किया जा सकेगा। सोचने-समझने की पाॅवर न रखने वाली मिनी ब्रेंस इलेक्ट्रिकल इशारे देने में माहिर होगी।
-
54,999
-
36,599
-
39,999
-
38,990
-
1,29,900
-
79,990
-
38,900
-
18,999
-
19,300
-
69,999
-
79,900
-
1,09,999
-
1,19,900
-
21,999
-
1,29,900
-
12,999
-
44,999
-
15,999
-
7,332
-
17,091
-
29,999
-
7,999
-
8,999
-
45,835
-
77,935
-
48,030
-
29,616
-
57,999
-
12,670
-
79,470