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गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद 2000 से ज्यादा ऐप्स से हो रहा भारी नुकसान: रिसर्च
आजकल स्मार्टफोन के बिना किसी का काम चलता नहीं है। यहां तक कि सिर्फ स्मार्टफोन ही नहीं उसमें इंटरनेट कनेक्शन होना भी कफी जरूरी है। बिना इंटरनेट कनेक्शन के तो स्मार्टफोन का होना ही बेकार है। अब स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन दोनों होने के बाद भी फोन में अगर गूगल प्ले स्टोर नहीं है तो फिर भी स्मार्टफोन बेकार है।
गूगल प्ले स्टोर का होना भी काफी जरूरी है। स्मार्टफोन, इंटरनेट कनेक्शन और गूगल प्ले स्टोर का इस्तेमाल आजकल बुद्धिजीवियों से लेकर अनपढ़ और बूढ़ों से लेकर बच्चों तक सभी करते हैं। इसका इस्तेमाल दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। गूगल प्ले स्टोर के जरिए यूज़र्स सैंकड़ों ऐप्स डाउनलोड करते हैं और उनका इस्तेमाल करके स्मार्टफोन चलाते हैं।
इन ऐप्स की वजह से हमारी जिंदगी में बहुत सारे काम आसान हो जाते हैं लेकिन इनका कुछ नुकसान भी है। गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद सैंकड़ों -हजारों ऐप्स से हमें कुछ नुकसान भी हो रहा है। इस विषय पर दुनियाभर के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। आपको बता दें कि गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे बहुत सारे ऐप्स मौजूद हैं जो मालवेयर के साथ आते हैं और यूज़र्स का डाटा भी एक्सेस कर लेते हैं।
खतरनाक गेमिंग ऐप्स
रिसर्च के अनुसार इन हानिकारक ऐप्स में से कुछ लोकप्रिय गेमिंग ऐप्स भी हैं। इन ऐप्स में टेंपल रन, हिल क्लाइंब रेसिंग जैसे कई गेमिंग ऐप्स शामिल हैं। इन ऐप्स की वजह से आने वाली नोटिफिकेशंस का बच्चों पर काफी बुरा असर पड़ रहा है। रिचर्स के अनुसार इससे ना केवल बच्चों का ध्यान भंग होता है बल्कि उनके दिमाग में टेंशन भी पैदा होता है।
आपको बता दें कि बीजीआर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सिडनी यूनिवर्सिटी और CSIRO's Data61 के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि गूगल प्ले पर 2000 से ज्यादा खतरनाक ऐप्स मौजूद हैं जो बच्चों के लिए काफी हानिकारक साबित हो रहा है। रिसर्चर्स ने गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद करीब दस लाख ऐप्स पर टेस्ट करने के बाद इस बात की जानकारी दी है।
रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार
बीजीआर हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक राइस यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक के असिस्टेंट प्रोफेसर Philip Kortum ने इस विषय पर रिसर्च की है। उन्होंने अपनी रिसर्च का नाम "You Can Lead a Horse to Water But You Cannot Make Him Learn: Smartphone Use in Higher Education" दिया है। इस रिपोर्ट में Kortum ने कहा है कि शुरू में छात्रों को लगा कि स्मार्टफोन का यूज़ करना उनके लिए काफी अच्छा है।
स्मार्टफोन वजह से छात्र अपने पढ़ाई में काफी मदद ले पा रहे थे। हालांकि Kortum ने उन बच्चों के ऊपर भी रिचर्स की जो अभी तक स्मार्टफोन का उपयोग नहीं कर पाए थे लेकिन शुरुआत में उन छात्रों को भी लगा कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना उनके लिए काफी मददगार है। हालांकि बाद में हालात बदल गए और इसका उल्टा असर देखने को मिलने लगा।
San Francisco State University के एक प्रोफेसर Erik Peper के अनुसार स्मार्टफोन के इस्तेमाल की आदत दिमाग में न्यूरोलॉजिकल कनेक्शन बनाने से शुरू होती है। इसका असर ठीक वैसा ही होता है जैसे हम कभी भी सरदर्द होने पर चाय या टैबलेट खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले बच्चे या युवाओ के असल जिंदगी में काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। इस रिसर्च में पाया गया है कि जो ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें ज्यादा टेंशन, चिंता, नकारात्मक सोच, चिड़चिड़ापन, अकेलापन जैसी शिकायतें सुनने को मिल रही है।
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54,999
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36,599
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39,999
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38,990
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1,29,900
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79,990
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38,900
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18,999
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19,300
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69,999
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79,900
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1,09,999
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1,19,900
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21,999
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1,29,900
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12,999
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44,999
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15,999
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7,332
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17,091
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29,999
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7,999
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8,999
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45,835
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77,935
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48,030
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29,616
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57,999
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12,670
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79,470