Just In
- 6 hrs ago iPhone 15 को 50,000 रुपये तक की बचत के साथ खरीदें, बस करना होगा ये काम
- 6 hrs ago स्मार्टफोन मार्केट में Apple को पीछे छोड़ शिपमेंट में नंबर-1 बनी Samsung
- 7 hrs ago Amazon Mega Electronics Days Sale में इन गैजेट्स पर पाएं 80% तक की छूट, यहां देखें लिस्ट
- 8 hrs ago Xiaomi के 2 ब्लूटूथ स्पीकर ने कमाल के फीचर्स के साथ मार्केट में ली एंट्री
Don't Miss
- News Loksabha Election: इन 9 सीटों पर बेहद दिलचस्प है लड़ाई, कांग्रेस-भाजपा दोनों के बीच कांटे की टक्कर
- Education JAC Class 10th Matric Results 2024: झारखंड बोर्ड 10 रिजल्ट अप्रैल के अंत तक आ सकते हैं, देखें संभावित तिथि
- Lifestyle स्कूल जाते समय बस में कितने सुरक्षित हैं आपके बच्चे? जानें क्या हैं स्कूल बस के लिए गाइडलाइंस
- Movies 31 साल की एक्ट्रेस जो 'कॉल गर्ल' बनने पर हुई मजबूर, बोलीं- मैं बहुत संतुष्ट हूं...
- Travel जैसलमेर में पटवों की हवेली संग्रहालय, पूरा बनने में लगा 60 सालों का समय, जानिए रोचक तथ्य
- Automobiles IIT कानपुर का कमाल! अब वायरलेस चार्जर से इलेक्ट्रिक वाहनों को कर सकेंगे चार्ज, जानें डिटेल्स
- Finance Sone Chandi ka Bhav: सोने ने मारा तगड़ा उछाल, मार्केट बंद होने पर इतना रही कीमत
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
बस एक ट्विट से भाग सकता है आपके दिल में बैठा डर
2013 बोस्टन मैराथन बम विस्फोट की घटना के बाद विश्वभर के 95 शहरों में ट्विटर पर दी गई भावनात्मक प्रतिक्रिया पर किए गए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि यह आतंकवादी घटना के बाद जनता के बीच व्याप्त भय से निपटने में सरकारी एजेंसी के लिए मददगार साबित हो सकती है।
युनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग और कार्नल युनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने आतंकवादी घटना के बाद विश्वभर के समुदायों के लोगों के डर और सोशल नेटवर्किंग साइट पर उनकी प्रतिक्रिया का व्यापक स्तर पर विश्लेषण किया। अध्ययन में पाया गया कि बोस्टन के बाहर के समुदाय के लोगों ने 'प्रे फॉर बोस्टन' हैश टैग के साथ अपनी भावनाएं जाहिर की और कैसे उनकी भावनाएं भौगोलिक अंतर के बावजूद एक-दूसरे से जुड़ी हुई थीं।
अमेरिका के पिट्स स्कूल ऑफ इंफोर्मेशन साइंसेज के सहायक प्राध्यापक और शोधार्थी यू-रू लिन ने कहा, "हमारे शोध के परिणाम निश्चित रूप से उन अधिकारियों की मदद करेंगे जो अन्य देशों में होने वाली घटनाओं पर अपने देश के लोगों की प्रतिक्रिया का अनुमान लगा रहे हैं।" इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 95 शहरों के 18 करोड़ लोगों के ट्वीट का विश्लेषण किया।
शोधकर्ताओं ने अमेरिका के 60 सबसे अधिक आबादी वाले महानगरीय इलाकों और अमेरिका से बाहर 35 सबसे ज्यादा घनी आबादी वाले शहरों का अध्ययन किया। अध्ययन में लोगों की एकजुटता और सहानुभूति दर्शाने वाले ट्वीट की पहचान करने के लिए हैशटैग का भी इस्तेमाल किया गया।
इस हफ्ते के टॉप 10 स्मार्टफोन जिनमें आपको मिलेगा बेस्ट बैटरी बैकप
शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ शहरों के लोग खास तरह की भावनाएं जाहिर कर रहे थे। हैशटैग 'प्रे फॉर बोस्टन' में सहानुभूति दर्शाई गई, वहीं हैश टैग 'बोस्टन स्ट्रांग' में एकजुटता नजर आई।
कार्नल युनिवर्सिटी में संचार के सहायक प्राध्यापक ड्रीव मारगोलिन ने कहा, "सोशल मीडिया पर तत्काल आई भावनात्मक प्रतिक्रिया अन्य समुदायों की तकलीफ से जुड़ी गहरी भावनाओं का संकेत है।
-
54,999
-
36,599
-
39,999
-
38,990
-
1,29,900
-
79,990
-
38,900
-
18,999
-
19,300
-
69,999
-
79,900
-
1,09,999
-
1,19,900
-
21,999
-
1,29,900
-
12,999
-
44,999
-
15,999
-
7,332
-
17,091
-
29,999
-
7,999
-
8,999
-
45,835
-
77,935
-
48,030
-
29,616
-
57,999
-
12,670
-
79,470