फेसबुक ने आपत्तिजनक कंटेंट के लिए ओवरसाइट बोर्ड का किया गठन

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फेसबुक पर आपत्तिजनक कंटेंट का शेयर होना काफी बढ़ गया है। इस वजह से अब फेसबुक ने इसके लिए एक बड़ा कदम उठाया है। फेसबुक ने एक ओवरसाइट बोर्ड का गठन किया है। इस बोर्ड का काम अभिव्यक्ति की आज़ादी यानि फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और ह्यूमन राइट्स यानि मानवधिकार पर फैसला करना होगा। इस बोर्ड का काम यह सुनिश्चित करना होगा कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आने वाले कंटेंट को मोडरेट करना और उसे प्लेटफॉर्म पर रखना है या नहीं इसके बारे में फैसला लेंगे।

 
फेसबुक ने आपत्तिजनक कंटेंट के लिए ओवरसाइट बोर्ड का किया गठन

मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स के अनुसार सोशल मीडिया पर आने वाले कंटेंट को सुधारने और सोशल मीडिया के माहौल को साफ-सुथरा रखने के लिए फेसबुक ने इस कदम को उठाया है। फेसबुक के इस ओवरसाइट बोर्ड का काम यह तय करना होगा कि फेसबुक और उसका दूसरा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर किस तरह का कंटेंट रह सकता है और किस कंटेंट को हटाने की जरूरत है।

 

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इस चीज का फैसला ओवरसाइट बोर्ड फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और ह्यूमन राइट्स के आधार पर करेगी। ओवरसाइट बोर्ड फेसबुक, इंस्टाग्राम पर किए पोस्ट, फेसबुक पेज, इंस्ट्राग्राम प्रोफाइल, ग्रुप समेत विज्ञापनों के कंटेंट की देख-रेख करना होगा। फेसबुक ने अपने इस ओवरसाइट बोर्ड के गठन के लिए 20 खास लोगों को नियुक्त किया है।

अब ऐसे में सवाल उठता है कि फेसबुक किन-किन मुद्दों को ख्याल में रखेगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये बोर्ड उन मुद्दों को उठाएगा, जिससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं। ऐसे में पब्लिक से जुड़ी चीजों के साथ-साथ हर यूज़र्स की पोस्ट, पेज, प्रोफाइल और ग्रुप से जुड़े मुद्दों पर निगरानी करेगा।

बोर्ड के पास जाएंगे विवादित मामले

फेसबुक फिलहाल मौजूद पॉलिसी के साथ आगे आने वाली सभी तरह के कंटेंट से जुड़ी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए काम करेगा। फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और ह्यूमन राइट्स या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस समेत कोई भी मामल अगर विवादित होता तो उसे ओवरसाइट बोर्ड के पास भेजा जाएगा।

90 दिनों के अंदर होगा विवाद का फैसला

ओवरसाइट बोर्ड की ये जिम्मेदारी होगी कि 90 दिनों के अंदर वो इस मामले को सुलझाए। हालांकि बोर्ड विवादित मामले पर जल्दी भी फैसला ले सकता है लेकिन 90 दिन उसके लिए एक समय सीमा तय की गई है।

 
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English summary
The share of objectionable content on Facebook has increased significantly. Because of this, Facebook has taken a big step for this now. Facebook has formed an oversight board. The work of this board will be to decide on freedom of expression i.e. freedom of expression and human rights.

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