Just In
- 4 hrs ago इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- 4 hrs ago वीडियो कॉलिंग, लाइव स्ट्रीमिंग सब कुछ मिलेगा रे-बैन स्मार्ट ग्लास में
- 5 hrs ago Nothing Phone 1 में मिलेगा AI सपोर्ट, ChatGPT का इस्तेमाल होगा आसान
- 6 hrs ago कॉलिंग के साथ धडल्ले से चलाए Internet, बस आपको करना होगा ये काम, यहां जानिए
Don't Miss
- News Bhopal News: जाने भाजपा का हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का क्या है प्लान, संगठन महामंत्री हितानंद ने ली बैठक
- Movies Govinda Video: भांजी आती की शादी में मामा गोविंदा ने थूका गुस्सा, बारात का किया स्वागत.. दिया आशीर्वाद
- Education IIT JEE Advanced 2024: जईई एडवांस के लिए 27 अप्रैल से होंगे आवेदन शुरू, देखें परीक्षा तिथि फीस व अन्य डिटेल्स
- Lifestyle First Date Tips: पहली ही डेट में पार्टनर को करना है इम्प्रेस तो ध्यान रखें ये जरूरी बात
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Automobiles करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
मैगनेटिक तकनीक से दौड़ेगी "सुपरट्यूब" ट्रेन
अमेरिकी में एक नई प्रौद्योगिकी 'हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलोजीज' पर सुपरट्यूब नाम से एक नई परिवहन प्रणाली विकसित करने पर शोध किया जा रहा है, जो बुलेट ट्रेन से भी तेज गति से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएगा। यह सुपरट्यूब यात्रियों को लॉस एंजेलस से सैन फ्रांसिस्को की यात्रा 760 मील प्रति घंटा की रफ्तार से तय करते हुए 35 मिनट में पूरी कर लेगा।
6000 रुपए के अंदर ये हैं बेस्ट ब्लूटूथ स्पीकर
अभी यह दूरी तय करने में ट्रेन से 12 घंटे और कार से छह घंटे से थोड़ा अधिक समय लगता है। समाचार पत्र 'डेली मेल' के अनुसार, 'स्पेस एक्स' के संस्थापक और 'टेस्ला मोटर्स' के मुख्य कार्यकारी एलोन मस्क के इस ड्रीम प्रोजेक्ट हाइपरलूप को तैयार होने में कम से कम 10 वर्ष लग सकते हैं। मस्क की इस परियोजना सुपरट्यूब पर दुनिया भर के 100 से अधिक इंजीनियर काम कर रहे हैं।
इस ट्यूब के अंदर हाइपरलूप को उच्च दाब और ताप सहने की क्षमता वाले मिश्रधातु इंकोनेल से बने बेहद पतले स्की पर स्थिर किया जाता है । इस स्की में बेहद सूक्ष्म छिद्रों के जरिए दबाव डालकर हवा भरी जाती है, जिससे कि यह एक एअर कुशन की तरह काम करने लगता है। स्की में लगे चुंबक और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक झटके से हाइपरलूप के पॉड को गति दी जाती है।
इस कैप्सूल में एक बार में छह से आठ व्यक्ति यात्रा कर सकते हैं और इसे प्रत्येक 30 सेकेंड के अंतराल पर चलाया जा सकता है। हाइपरलूप के मुख्य कार्यकारी डर्क आहलबोर्न ने कहा, "कैप्सूल के आगे स्थित वायु ही इस कैप्सूल की एकमात्र अवरोधक है, जिसे हम दबाव के जरिए पीछे हटाते रहेंगे।" मस्क के अनुसार, 1,000 या उससे कम दूरी वाले शहरों के बीच तीव्र गति से परिवहन के लिए हाइपरलूप पूरी तरह व्यावहारिक समाधान हो सकता है।
-
54,999
-
36,599
-
39,999
-
38,990
-
1,29,900
-
79,990
-
38,900
-
18,999
-
19,300
-
69,999
-
79,900
-
1,09,999
-
1,19,900
-
21,999
-
1,29,900
-
12,999
-
44,999
-
15,999
-
7,332
-
17,091
-
29,999
-
7,999
-
8,999
-
45,835
-
77,935
-
48,030
-
29,616
-
57,999
-
12,670
-
79,470