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सावधान ! गूगल कर सकता है आपकी चुगली

इंटरनेट जगत में गूगल ने अपनी निजता की नीती में बदलाव करते हुए, कुछ नए नियम बनाए है इन नियमों के तहत अब गूगल की सेवाओं का प्रयोग करने वाले लोगों को की सारी निजी जानकारी एक ही जगह स्टोर करके रखी जाएगी।
पहले हर सेवा के लिए एक अलग प्राइवेसी नीती होती है। उदाहरण के तौर पर इस समय गूगल करीब 60 सेवाएं दे रहा है पहले इन्हीं 60 सेवाओं के लिए गूगल ने 60 अलग-अलग नीतियां बनाई थी मगर अब केवल एक ही नीती होगी। गूगल के मुताबिक, इस नई नीति से यूजर्स के लिए सर्च करना और भी आसान हो जाएगी।
गूगल की प्रमुख सेवा में जीमेल, जीटॉक, यूट्यूब, गूगल मैप्स, पिकासा आदि हैं। हालांकि अमरीका, यूरोप के कई देशों ने इसका विरोध किया है। हालाकि माइक्रोसॉफ्ट ने गूगल की इस नई नीती को आडे हाथों लेते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है।
अगर यूजर्स ने किसी ब्राउजर पर गूगल की किसी सर्विस में लॉग इन कर रखा है तो उस ब्राउजर पर आप जो कुछ भी करेंगे उसकी जानकारी आपके एकाउंट के तहत गूगल एकत्रित करता रहेगा। इसमें भरे गए फार्म, देखे गए वीडियो, सर्च, मेल कंटेंट, आईपी एड्रेस तक शामिल हैं। अगर आप जीपीएस वाला एंड्राएड मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं तो उसकी लोकेशन भी दर्ज होती रहेगी।
नई नीति में सबसे बड़ा खतरा
नई नीति के लागू हो जाने के बाद अगर आपकी जानकारी मार्केटिंग कंपनियों, आपके प्रतिद्वंद्वी, सरकार और यहां तक कि हैकरों को भी मिल सकती है। इंटरनेट पर अच्छा खासा वक्त बिताने वाले लोगों पर इसका असर पडेगा। गूगल टॉक, चैट, जीमेल, यू-ट्यूब, गूगल प्लस, मैप्स और ऐसी तमाम सेवाओं पर लॉग-इन करने वालों को निजता खोने का खतरा रहेगा। वाशिंगटन पोस्ट के एक सर्वेक्षण में 66 फीसदी यूजर्स ने गूगल की इस नई नीति के बाद इसे छोड़ने पर सहमति जताई।
आप यूं बच सकते हैं खतरे से
अपनी निजता बचाए रखने के लिए सेवाओं का प्रयोग लॉग आउट में करें। किसी भी सेवा पर लॉग-इन सिर्फ तभी करें, जब जरूरी हो। अपने ब्राउजर में कुकीज को ब्लॉक कर दें। टेंपरेरी इंटरनेट फाइलों को डिलीट करते रहें। इंटरनेट पर अपनी पहचान उजागर किए बिना सर्फिंग करने के लिए प्रॉक्सी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। ब्राउजर को प्राइवेसी मोड में एक्टिव रखें, ताकि कोई ब्योरा दर्ज ना होने पाए। गूगल हिस्ट्री को भी डिलीट करते रहें।
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