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नेट न्यूट्रैलिटी को सरकार ने दी मंजूरी, जानें इसके पूरी जानकारी
दूरसंचार विभाग ने नेट न्यूट्रैलिटी की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद इंटनरेट पर किसी भी सर्विस के लिए एक ही शुल्क लिया जाएगा। अब इंटरनेट सेवा और वेबसाइट के उपयोग पर कंपनियां नेट की स्पीड को घटा या बढ़ा नहीं सकेंगी। आज के वक्त में इंटरनेट हमारी जिंदगी का काफी अहम हिस्सा है तो ऐसे में इसको इस्तेमाल करने की आजादी बनी रहनी चाहिए। इस फैसले के बाद भारतीय इंटरनेट यूजर्स को राहत मिली है। हममें से ऐसे कई लोग हैं जिनको नेट न्यूट्रैलिटी के बारे में शायद ही पता हो। तो आइए जानते हैं कि आखिर क्या है नेट न्यूट्रैलिटी और इसके कुछ फायदे।
क्या है नेट न्यूट्रैलिटी?
नेट न्यूट्रैलिटी को इंटरनेट तटस्थता भी कह सकते हैं। यह एक ऐसा सिद्धांत है जिसके तहत इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां इंटरनेट पर सभी डेटा को समान रूप से प्रदान करें। इसका मतलब है कि किसी भी देश में इंटरनेट सर्विस देने वाली कंपनियां जान बूझकर किसी वेबसाइट के कंटेंट को ब्लॉक या नेट की स्पीड को स्लो करके उसे बाधित नहीं कर सकती हैं। नेट न्यूट्रैलिटी की सिफारिशों को इसलिए मंजूर किया गया क्योंकि इंटरनेट सेवा देने वाली और टेलीकॉम कंपनियां अपने ग्राहकों से अलग से इंटरनेट सेवा के लिए अलग-अलग कीमत वसूलती हैं। आपको बता दें कि नेट न्यूट्रैलिटी टर्म की शुरुआत कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मीडिया लॉ प्रोफेसर टिम वूइन ने की थी। इस प्रिंसिपल के मुताबिक कोई भी सर्विस प्रोवाइडर इंटरनेट के किसी भी कॉन्टेंट, डेटा और एप्लीकेशंस को बराबरी का दर्जा देगी। उन्होंने 2003 में सबसे पहले इस टर्म का यूज किया। उस वक्त इस टर्मोलॉजी को टेलीफॉन सिस्टम के लिए इस्तेमाल किया गया था।
कई देशों में नेट न्यूट्रैलिटी लागू
आपको बता दें कि नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर सबसे पहले चिली ने कानून बनाया था। यह कानून साल साल 2010 में बना था। हालांकि यह कानून नीदरलैंड में भी है। साल 2012 में दक्षिण कोरिया ने नेट न्यूट्रैलिटी पर कानून बनाया था। साल 2015 में अमेरिका में भी इस कानून को बनाया गया। हालांकि इस वक्त अमेरिका नेट न्यूट्रैलिटी कानून वापस लेने की योजना बना रहा है। अब इसको मंजूरी मिलने के बाद टेलिकॉम कंपनियां ज्यादा डाटा कंज्यूम करने वाली सर्विसेस को ब्लॉक या स्लो नहीं कर पाएंगी। कंपनियां किसी ऐसी एप के लिए फ्री डाटा नहीं दे पाएंगी जो कंपनी को अलग से पैसे देती है।
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