भारत सरकार ने मेक इन इंडिया मुहिम को बढ़ावा देने स्मार्टफोन समेत कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर कस्टम ड्यूडी को 10 परसेंट से बढ़ाकर 15 परसेंट कर दिया है। गुरुवार को वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना जारी की गई है। इस अधिसूचना में कहा गया कि आयात किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर कस्टम ड्यूटी को 10 फीसद से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है। कस्टम ड्यूटी बड़ने वाले प्रॉडक्ट में मोबाइल फोन के अलावा टीवी, गीजर, मोबाइल प्रोजेक्टर, वाटर हीटर जैसे डिवाइस शामिल हैं।
इंडियन सेल्यूलर एसोसिएशन के नेशनल प्रेसिडेंट और फाउंडर पंकज महिन्द्रू ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि "भारतीय मोबाइल फोन इंडस्ट्री वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दिशा में आगे बढ़ रहा है। लॉन्ग टर्म प्रोटेक्शन की जगह शॉर्ट टर्म अयोग्यता जरूरी है। हाल ही में भारत में आयात की जा रही वस्तुओं की दर में बढ़ोत्तरी खासकर फीचर फोन में सरकार द्वारा बढ़ाई गई कस्टम ड्यूटी के लिए जिम्मेदार है।"
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सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, मोबाइल की कस्टम ड्यूटी को बढ़ाकर 15 फीसद कर दिया गया है। बता दें कि सरकार के इस फैसले से ऐपल जैसी कई विदेशी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। स्मार्टफोन के अलावा टीवी पर कस्टम ड्यूटी को 10 फीसद से बढ़ाकर 15 फीसद कर दिया गया है। मॉनिटर और प्रोजेक्टर्स की कस्टम ड्यूटी 20 प्रतिशन कर दी गई है।
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इसके अलावा वाटर हीटर, हेयर ड्रेसिंग प्रोडक्ट्स, टेलीफोन पर सीमाशुल्क को जीरो से बढ़ाकर 15 फीसद कर दिया गया है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर सीमाशुल्क बढ़ाने के पीछे सरकार की मंशा विदेशी उत्पादों के आयात में कमी लाना और घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। सरकार को होने वाले पूरे कर-राजस्व को देखें तो इसमें करीब 17-18 फीसदी आमदनी कस्टम ड्यूटी से ही होती है।
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