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अब आपका फोन का कैमरा बताएगा; दवा असली है या नकली, QR कोड से चुटकियों में लगा पाएंगे पता
QR code to check if medicines are fake: नकली दवाओं के सेवन के जोखिम को कम करने के लिए, सरकार जल्द ही टॉप दवा निर्माताओं के लिए घटिया और नकली प्रोडक्ट के उपयोग को रोकने के लिए एक 'ट्रैक एंड ट्रेस' सिस्टम लागू करेगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 300 टॉप दवा निर्माताओं को प्राथमिक पैकेजिंग लेबल पर बारकोड या क्विक रेस्पॉन्स (QR) कोड शामिल करने की आवश्यकता होगी। प्रति स्ट्रिप 100 रुपये से अधिक की लागत वाली एंटीबायोटिक्स शामिल होने की उम्मीद है।
अपनी दवाओं को ऐसे करें ट्रैक और ट्रेस
प्रस्तावित तंत्र ग्राहकों को सरकारी वेबसाइट तक पहुंचने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करने की अनुमति देगा। इसके अलावा, ये कोड दवा के बारे में निम्नलिखित जानकारी को प्रमाणित करेंगे जिसमें- आइडेंटिफिकेशन कोड, दवा का उचित और सामान्य नाम, ब्रांड नाम, निर्माता का नाम और पता, बैच नंबर, मैनुफ़ैक्चर डेट, एक्सपायरी डेट और मैनुफ़ैक्चर लाइसेंस नंबर शामिल है। उपभोक्ता सरकारी पोर्टल में एक स्पेशल आईडी कोड दर्ज कर सकेंगे और अपने मोबाइल फोन का उपयोग करके इसे ट्रैक कर सकेंगे।
अब बंद होगा नकली दवाइयों का कारोबार
पहले चरण में लगभग 300 सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं में प्राथमिक पैकेजिंग पर बारकोड मुद्रित होंगे। इस प्रणाली से लागत में 3-4 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र एक केंद्रीय डेटाबेस संगठन स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, जहां उपभोक्ता पूरे क्षेत्र के लिए एकल बार कोड प्रदाता के माध्यम से डेटा प्राप्त कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लगभग 10 प्रतिशत चिकित्सा वस्तुएं घटिया या नकली हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं हर जगह होती हैं।
ये है पूरा प्रॉसेस
- सबसे पहले अपने फोन में एप स्टोर से कोई क्यूआर कोड स्कैनर डाउनलोड करें।
- इसके बाद यदि आपके पास दवा की कोई स्ट्रैप पर तो उसके क्यूआर कोड को खोजें।
- अब क्यूआर कोड स्कैनर एप से उस क्यूआर कोड को स्कैन करें।
- कोड स्कैन करने के बाद आपके फोन की स्क्रीन पर उस दवा की पूरी जानकारी आ जाएगी।
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