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बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत को रोकने के लिए सरकार ने जारी की एडवाइजरी
शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) के संबंध में माता-पिता और शिक्षकों के लिए एडवाइजरी जारी की है और अगर उनकी निगरानी नहीं की गई तो यह बच्चों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा एडवाइजरी के व्यापक सेट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे इन-गेम पर्चेस की अवधारणा को समझें, ऑनलाइन अपनी आइडेंटिटी को प्रोटेक्ट करना सीखें और कम उम्र से ही गेमिंग की लत की प्रकृति को समझें।
शिक्षा मंत्रालय ने अभिभावकों और शिक्षकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े सभी नुकसानों को दूर करना चाहिए और उन्हें यह बताना चाहिए कि इससे क्या प्रभाव पड़ता है।
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"गेम खेलने से एक गंभीर गेमिंग लत लग जाती है जिसे गेमिंग डिसऑर्डर (Gaming Disorder) के रूप में माना जाता है। गेम को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि हर लेवल पिछले लेवल की तुलना में अधिक कठिन होता है। यह एक प्लेयर को गेम में प्रोसेस के लिए खुद को लिमिट तक धकेलने का कारण बनता है," ऐसा मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा है। "इसलिए, बिना किसी प्रतिबंध और आत्म-सीमा के ऑनलाइन गेम खेलने से कई खिलाड़ी आदी हो जाते हैं। गेमिंग कंपनियां भी भावनात्मक रूप से बच्चे को ज्यादा लेवल पर्चेस करने के लिए मजबूर करती हैं।" मंत्रालय ने यह भी कहा है।
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इसके लिए सरकार ने क्या करें और क्या न करें के टिप्स भी शेयर किए है, जिन्हें आप नीचे पढ़ सकते हैं:
क्या न करें -
- माता-पिता की सहमति के बिना इन-गेम पर्चेस की अनुमति न दें।
- गेम डाउनलोड करते समय या गेमिंग प्रोफाइल बनाते समय इंटरनेट पर व्यक्तिगत जानकारी न दें।
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- वेब कैमरा, प्राइवेट मैसेज या ऑनलाइन चैट के माध्यम से एडल्ट सहित अजनबियों के साथ बातचीत न करें, क्योंकि इससे ऑनलाइन दुर्व्यवहार करने वालों, या अन्य प्लेयर्स से धमकाने से कॉन्टेक्ट का जोखिम बढ़ जाता है।
- सब्सक्रिप्शन के लिए ऐप्स पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड रजिस्ट्रेशन न करें।
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- बच्चों को गेमिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले लैपटॉप या मोबाइल से सीधे खरीदारी करने न दें।
- अज्ञात वेबसाइटों से सॉफ्टवेयर और गेम डाउनलोड न करने दें।
- वेबसाइटों में लिंक, इमेज और पॉप-अप पर क्लिक न करने दें, क्योंकि उनमें वायरस हो सकते हैं और कंप्यूटर को नुकसान हो सकता है।
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क्या करें
- गेमिंग के दौरान अगर कुछ गलत होता है, तो तुरंत रुकें और स्क्रीनशॉट लें और उसकी रिपोर्ट करें।
- सुनिश्चित करें कि बच्चे स्क्रीन नाम या अवतार का ही उपयोग करें।
- एंटीवायरस और स्पाइवेयर प्रोग्राम का उपयोग करें और फ़ायरवॉल का उपयोग करके वेब ब्राउज़र को सुरक्षित रूप से कॉन्फ़िगर करें।
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- डिवाइस पर या ऐप या ब्राउज़र में पैरेंट्स के कंट्रोल और सेफ्टी फीचर्स को एक्टिव करें।
- डिवाइस पर या ऐप या ब्राउज़र में पैरेंट्स के कंट्रोल और सेफ्टी फीचर्स को एक्टिव करें क्योंकि यह इन-गेम पर्चेस खरीददारी में मदद करता है।
- बच्चे अगर जुए से जुड़े गेम खरीदते हैं, तो उन्हें रोकें।
तो अगर आपका भी कोई बच्चा है, ऑनलाइन गेमिंग की लत का शिकार हो चुका है, तो आपको ऊपर बताए गए टिप्स पर ध्यान देना चाहिए।
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