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अब 40 फीट दूर से हो सकेगा Iris Scan
बायोमेट्रिक टेक्नॉलोजी तेजी से आगे बढ़ रही है। अब फिंगर प्रिंट और आइरिस स्कैन के जरिए इंडिविजुअल आईडेंटिटी बनाई जा सकती है, जो सुरक्षा नियमों के लिए काफी अहम है। अब इससे जुड़ी एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि 40 फीट दूर से यूजर का आइरिस स्कैन किया जा सकता है और इससे मिलने वाले नतीजे सटीक हैं।
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क्या है आइरिस स्कैन-
इन दिनों बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक डेटा रिकॉर्डिंग को सबसे सुरक्षित माना जाता है। इसमें फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैनर शामिल है। आइरिस यानी आखों की पुतली में एक पैटर्न होता है और ये सभी इंसानों में अलग-अलग पाया जाता है, ठीक फिंगरप्रिंट की तरह। इसे स्कैन कर हर इंडिविजुअल की अलग आइडेंटिटी क्रिएट कर ली जाती है। आइरिस स्कैनर बायोमेट्रिक तकनीक पर काम करता है।
40 फीट दूर से हो सकेगी पहचान-
अभी तक आइरिस स्कैन के लिए यूजर को अपनी आंख को स्कैनर के पास ले जाना होता था, जिसके बाद आइरिस स्कैन होता था, लेकिन हालिया रिपोर्ट में सामने आया है कि अब स्कैनर करीब 40 फीट यानी 12 मीटर दूर से ही यूजर का आइरिस स्कैन कर लेगा। इतनी दूर से स्कैन करने पर भी नतीजे एकदम सटीक निकले हैं।
सुरक्षा में होगा सुधार-
आइरिस और फिंगर प्रिंट यूजर के लिए पासवर्ड का काम करते हैं। बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी तेजी से डेवलप हो रही है, जिसके चलते यूजर्स की सुरक्षा में भी सुधार होगा। डेवलपर्स ने कहा कि न केवल सुरक्षा में सुधार होगा साथ ही यूजर्स के लिए ये सुविधाजनक भी होगा। अब यूजर्स को सिक्योरिटी टोकन और पासवर्ड की जगह शारीरिक विशेषताओं के जरिए एक्सेस कर सकेंगे।
कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी में रिसर्च-
यूएस में कार्नेगी मेलॉन यूनिवर्सिटी में ये रिसर्च में सामने आया कि आइरिस टेक्नोलॉजीन सिर्फ 40 फीट दूर से यूजर को पहचान सकेगी, बल्कि यूजर के व्हीकल के साइड मिरर से भी आइरिस स्कैन कर आइडेंटिफाई कर सकेगी।
कानूनी बाधाएं-
जहां एक तरफ ये बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी डेवलप हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इससे जुड़ी कानूनी बाधाएं भी सामने आ रही हैं। यूरोपीय यूनियन में प्रायवेसी और डेटा स्टोर के लिए एक मजबूत कानूनी गाइडलाइन है। यहां बायोमेट्रिक रिकॉर्ड मौलिक अधिकारों में शामिल हैं। ऐसे में बॉयोमेट्रिक डेटा, जैसे कि आईरिस स्कैन को काफी सेंसेटिव माना जाता है। कई यूजर्स का मानना है कि इस तरह बिना जानकारी के किया गया आइरिस स्कैन उनकी निजी डेटा सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
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