अच्छी नींद लेनी हैं तो स्मार्टफोन की स्‍क्रीन ब्राइटनेस रखें कम

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अगर आप अपने स्‍मार्टफोन को रात में सोते समय यूज़ करते हैं तो ऐसा करना आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए घातक‍ हो सकता है क्‍योंकि हाल के एक अध्ययन में पता चला है कि स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे चमकदार उपकरणों की रोशनी आपकी नींद हराम कर सकती है इसलिए इन्‍हें रात में कम रखने से रात को अच्छी नींद आती है।

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साइंस डेली के मुताबिक अनुसंधान समूह, मायो क्लीनिक द्वारा किए गए अध्ययन में बताया गया है कि स्मार्टफोन या टैबलेट की स्‍क्रीन ब्राइटनेस कम रखने और इस्तेमाल करते समय चेहरे से कम से कम 14 इंच की दूरी पर रखने से मैलेटोनिन के रुकावट पैदा करने और नींद खराब होने की संभावना कम हो जाती है। मैलेटोनिन एक प्रकार का हार्मोन है जो सोने-जागने की साइकिल यानी समय को नियंत्रित करता है।

अच्छी नींद लेनी हैं तो स्मार्टफोन की स्‍क्रीन ब्राइटनेस रखें कम

यह निष्कर्ष मायो क्लीनिक द्वारा किए गए कई रिचर्स स्‍टडी से पता चला है। ये अध्ययन बाल्टीमोर में संबद्ध पेशवर निद्रा समुदाय के सालाना सम्मेलन स्लीप 2013 में प्रस्तुत किए जाएंगे।

रिसर्च में लेखक और अरिजोना के स्कॉट्सडेल में मायो क्लीनिक में मनोवैज्ञानिक एवं निंद्रा विशेषज्ञ लुईस क्रैहन ने कहा, पहले लोग बिस्तर पर जाते थे और किताब पढ़ते थे। अब आम तौर पर लोग बिस्तर पर जाते हैं और उनके पास उनका टैबलेट होता है जिसमें वे कोई किताब या कोई अखबार पढ़ते हैं या फिर इंटरनेट सर्फिंग करते हैं।

अनुसंधानकर्ता ने कहा, समस्या यह है कि यह रोशनी वाला उपकरण है और मोबाइल उपकरण से आने वाली रोशनी कितनी समस्या पैदा करती है।"

 
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