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देनदारी को निपटाने के लिए रिलायंस इंफ्रा को बचेंगे मुकेश अंबानी
अपनी देनदारी को कम करने के लिए रिलायंस जियो काफी जल्द अपनी दो इंफ्रा कंपनियों को बेचने की योजना बना रहा है। बता दें, जियो पर बाजार की करीब 3 लाख करोड़ की देनदारी है। जिसके चलते कंपनी ने यह फैसला लिया है। सौदे की बात करें तो यह पूरा सौदा 15 बिलियन डॉलर (1.07 लाख करोड़ रुपये) में होगा।
बेची जानें वाली कंपनियोंं की बात करें तो रिलायंस जियो अपनी टेलिकॉम टावर और ऑप्टिक फाइबर केबल बिछाने वाली कंपनियों को बेच सकती है। बता दें, ऐसा करने के लिए कंपनी ने विश्व की प्रमुख इंफ्रा व प्राइवेट इक्विटी निवेश कंपनी ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट को चुन लिया है। आंकड़ों की बात करें तो आज के समय में जियो के पूरे देश में करीब 2.2 लाख टावर हैं।
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हालांकि इसमें से कुछ टावर थर्ड पार्टी के पास हैं। इसके अलावा कंपनी के पास 3 लाख किलोमीटर का ऑप्टिक फाइबर है। ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट की बात करें तो इस वक्त कंपनी के पास पूरे विश्व में करीब 330 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। पिछले साल ही कंपनी ने रिलायंस के स्वामित्व वाली 1400 किलोमीटर लंबी ईस्ट-वेस्ट पाइपलाइन को 2 बिलियन डॉलर में खरीदा था।
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यह पाइपलाइन आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा से शुरू होकर के गुजरात के भरूच तक जाती है। अगर यह समझौता हो जाता है तो फिर ब्रुकफील्ड पूरे देश में सबसे बड़ी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बन जाएगी। जिससे कंपनी का काफी ज्यादा फायदा होगा। हालांकि रिलायंस जियो को अपनी कंपनियों को बेचने के बाद भी ऐसा रास्ता निकालना होगा जिसके चलते वह अपनी पूरी देनदारी को निपटा सकें।