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मंगल ग्रह के करीब पहुंचा भारतीय यान
मंगल ग्रह की परिक्रमा के लिए भेजा गया भारतीय अंतरिक्ष यान मंगल के करीब सकुशल पहुंच चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, भारत का मंगल की परिक्रमा के लिए भेजा गया उपग्रह यान या मंगलयान अंतरिक्ष में 54 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर मंगल ग्रह तक पहुंच चुका है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि मंगलयान ने अपनी 80 फीसदी यात्रा पूरी कर ली है और 24 सितंबर तक मंगल की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। भारत ने कुल 450 करोड़ रुपये के बजट वाली इस परियोजना में से 349 करोड़ रुपये 31 मार्च 2014 को मंगलयान पर खर्च किए थे। मंगलयान को पांच नवंबर 2013 को लांच किया गया था।
वहीं दूसरी ओंर नासा ने चंद्रमा पर सबसे पहले कदम रखने वाले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग के सम्मान में अपने फ्लोरिडा के जॉन एफ केनेडी अंतरिक्ष केंद्र पर स्थित ऐतिहासिक इमारत का नाम 'नील आर्मस्ट्रांग ऑपरेशंस एंड चेकआउट बिल्डिंग' रखा है। जॉन एफ केनेडी अंतरिक्ष केंद्र का निर्माण 1963 में अपोलो मून कार्यक्रम के लिए किया गया था।
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फिलहाल इस इमारत का उपयोग प्रथम ओरियन अंतरिक्ष यान को एसेम्बल करने में किया जा रहा है। नासा को आशा है कि यह अंतरिक्ष यान भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर चंद्रमा और मंगल से आगे अंतरिक्ष की सैर कराएगा। यान को एसेम्बल (जोड़ा) किया जा रहा है और इसका दिसंबर में परीक्षण किया जाएगा।
नासा के उड़ान इंजीनियर रीड वाइसमैन ने आर्मस्ट्रांग का आभार जताते हुए कहा, "हमारे देश को इस रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए आपका धन्यवाद। आप न होते, तो आज मैं भी यहां नहीं होता। आपकी वजह से मेरे सपने सच हुए। आपका शुक्रिया।" आर्मस्ट्रांग के बाद चंद्रमा पर उतरने वाले दूसरे अंतरिक्ष यात्री बज एल्ड्रिन ने कहा, "मुझे लगता है कि नासा के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए चयनित होने वालों में से वह सबसे योग्य, सबसे बेहतरीन पायलट थे।"
आर्मस्ट्रांग, एल्ड्रिन और कॉलिंस ने 16 जुलाई, 1969 को चंद्रमा की यात्रा शुरू की थी। अभियान में कॉलिंस चंद्रमा के कक्ष के पास अंतरिक्ष यान के अंदर रुके थे और आर्मस्ट्रांग एवं एल्ड्रिन 20 जुलाई, 1969 को चंद्रमा पर उतरे थे। आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर अपने पहले कदम को 'मानव जाति की लंबी छलांग' कहा था। आर्मस्ट्रांस इमारत में नासा के वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए कमरे भी बने हैं, जहां वह अंतरिक्ष उड़ान से पहले रात गुजारते हैं।
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