Just In
- 2 hrs ago अप्रैल में OnePlus, Samsung, Motorola समेत इन ब्रांड्स के Smartphones होंगे लॉन्च, जानिए कीमत व स्पेक्स
- 4 hrs ago itel ने चोरी छुपे 108MP कैमरा, 5000 mAh बैटरी के साथ नया स्मार्टफोन किया लॉन्च, जानें कीमत व खासियत
- 5 hrs ago Amazon से Samsung, Oneplus समेत इन फोल्डेबल फोन्स को सस्ते में खरीदें, जल्दी करें, यहां देखें लिस्ट
- 7 hrs ago 6000mAh बैटरी, 70W चार्जिंग के साथ TECNO POVA 6 Pro भारत में लॉन्च, जानें कीमत
Don't Miss
- News IPL RCB vs KKR: गंभीर ने मैदान पर आकार विराट को लगाया गले, दोनों ने की हंसकर बात
- Movies पत्नी को तलाक देकर करण जौहर के घर में किराए पर गर्लफ्रेंड के साथ लिव इन में रह रहा है ये एक्टर! मचा बवाल
- Travel अप्रैल की गर्मी में सैर करें कश्मीर की ठंडी वादियों में, IRCTC का 'कश्मीर-धरती पर स्वर्ग' पैकेज
- Finance Haryana News: हरियाणा में रबी फसलों की खरीद की सभी तैयारियां पूरी, 1 अप्रैल से 417 केंद्रों पर होगी खरीद
- Education Job Alert: बैंक ऑफ इंडिया ने निकाली 143 ऑफिसर पदों पर भर्ती 2024, देखें चयन प्रक्रिया
- Lifestyle प्रेगनेंसी के First Trimester में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? कैसी होनी चाहिए हेल्दी डाइट
- Automobiles Tesla को टक्कर देने के लिए Xiaomi ने लॉन्च की पहली इलेक्ट्रिक कार, सिंगल चार्ज में मिलेगी 810KM की रेंज
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
स्मार्टफोन का जीपीएस सिस्टम अब होगा पहले से ज्यादा स्मार्ट
न्यूज़ीलैंड के ओटागो विश्वविद्यालय के सहयोग से ऑस्ट्रेलिया के कर्टिन विश्वविद्यालय ने जीपीएस की एक्यूरेसी यानि सटीकता में सुधार किया है, और इसे बेहतर बनाने में कामयाब रहे हैं। आपने देखा होगा कि आपके स्मार्टफोन का जीपीएस बिल्कुल सटीक नहीं होता है। खैर, अब यह सिस्टम बदलने वाला है। अब जीपीएस सिस्टम में बड़े बदलाव होने वाले हैं, जिससे आप रास्ते मे भटकेंगे नहीं, बल्कि सही समय में सटीक जगह पहुंच जाएंगे।
अमूमन, हम जीपीएस का इस्तेमाल कर सही जगह पहुंच जाते है, लेकिन कई बार तो ऐसा होता है कि हमारा जीपीएस लोकेशन के आस पास हमें घुमाता रहता है, लेकिन फिर भी नहीं पहुंच पाते और एक बार फिर से इसका श्रेय टेक्नोलॉजी को जाता है। टेक्नोलॉजी ने न सिर्फ आम जन जीवन मे तेजी लाने का काम किया है, बल्कि इसका सही इस्तेमाल कर कुछ भी करना संभव सा लगता है।
ऐसे मिलेगी सटीक जानकारी
चार अलग-अलग ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस),के सिग्नल को एक साथ लाकर ओटागो के डॉ रॉबर्ट ओडोलिंस्की और कर्टिन यूनिवर्सिटी के सहयोगी प्रोफेसर पीटर ट्यूनिसन ने दिखाया है कि कैसे एक स्मार्टफोन पर सटीक पोजिशनिंग (सेमी) प्राप्त कर सकते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के डॉ. रॉबर्ट ओडोलिन्सकी ने कहा कि यह गणित का कमाल है, जिसे हमने लागू किया है, जो कि एक कम लागत वाली तकनीक है, जिससे स्मार्टफोन का प्रयोग जीएनएसएस संकेतों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।'
उनका मानना है कि नवीनतम तकनीक को समझने के लिए, ऐतिहासिक वैज्ञानिक संदर्भ पर एक नजर डालने की आवश्यकता है। इतिहास से बहुत कुछ सीखा जा सकता है और तकनीक में अपडेट के लिए इतिहास बहुत कारगर साबित हो सकता है।
अब एक फ्रिक्वेंसी पर होगा काम
डॉ ओडोलिंस्की कहते हैं कि हम लोग निर्माण, इंजीनियरिंग, कैडस्ट्रल सर्वेक्षण और भूकंप की सेटीमीटर लेवल की जानकारी रखने के लिए जीपीएस यानि ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम पर निर्भर रहते हैं, लेकिन ऐसे में चुनौती यह आती है कि हमें एकदम सटीक जानकारी नहीं मिल पाती क्योंकि जीपीएस सैटेलाइट सिस्टम पर काम करता है , इन सैटेलाइट द्वारा भेजे गए संदेशों को रिसीव करता है और यूज़र को जानकारी देता है। धरती पर संदेशों को रिसीव करने वाले रिसीवर या एंटेना काफी महंगे होते हैं जो आम आदमी की पहुंच से काफी दूर होते हैं। इसलिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर इसे इतना आसान और सहज बनाया गया है कि आम आदमी भी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
नए तरीके के मुताबिक दो में से केवल एक ही फ्रिक्वेंसी पर काम किया जाता है, जबकि ज्यादा आंकड़े सेटेलाइट की मदद से इकट्ठा किए जाते हैं। जिसे 'मल्टी-कंस्टेलेशन' जीएनएसएस सोल्यूशन नाम दिया गया है। इसमें अतिरिक्त डेटा के साथ गणित के चतुराईपूर्ण इस्तेमाल से लागत में बढ़ोतरी किए बिना पोजिशंस में सुधार किया जा सकता है। वहीं, स्मार्टफोन के लिए भी तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
-
54,999
-
36,599
-
39,999
-
38,990
-
1,29,900
-
79,990
-
38,900
-
18,999
-
19,300
-
69,999
-
79,900
-
1,09,999
-
1,19,900
-
21,999
-
1,29,900
-
12,999
-
44,999
-
15,999
-
7,332
-
17,091
-
29,999
-
7,999
-
8,999
-
45,835
-
77,935
-
48,030
-
29,616
-
57,999
-
12,670
-
79,470