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19 साल बाद अपग्रेड किया गया Martian का सॉफ्टवेयर
लगभग दो दशक बाद ESA's मार्स एक्सप्रेस स्पेसक्राफ्ट का सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया गया है इस अपडेट के बाद अब ऑर्बिटर में मंगल ग्रह पर पानी की खोजबीन करने के साथ ग्रह के ज्यादा क्षेत्र में अध्यन करने की क्षमता विकसित हो जाएगी।
मार्स एक्सप्रेस को जून 2,2003 में लांच किया गया था जिसमें दो भाग थे पहला आर्बिटर और दूसरा बीगल 2 लेंडर दुर्भाग्य से मंगल की सतह पर उतरने के बाद लैंडर का संपर्क धरती से खत्म हो गया था लेकिन 19 साल बाद पहला आर्बिटर अभी भी मंगल के चारों ओर चक्कर लगा रहा है।
ज्यादा बेहतर तरीके से करेगा पानी की खोज
इटली के Istituto Nazionale di Astrofisica (INAF) के इंजीनियर्स ने मिलकर ESA's मार्स एक्सप्रेस स्पेसक्राफ्ट के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड कियाहै जिसके बाद अब ये बेहतर तरीके से मंगल ग्रह की सतह का अध्यन करके सतह पर पानी के संकेतों का पता लगा सकेगा। हम आपको बताते चलें MARSIS का संचालन INAF द्वारा किया जा रहा है जो इटली का एक रिचर्स इंस्टीट्यूट है, वहीं इस पूरे प्रोजेक्ट को फंड इटेलियन स्पेस एजेंसी प्रोवाइड करती है।
सीधे शब्दों में कहें तो धरती से मीलों दूर ESA's मार्स एक्सप्रेस स्पेसक्राफ्ट में कई अलग-अलग तरीकों से सॉफ्टवेयर अपग्रेड किए गए हैं जो सिग्नल रिसेप्शन को बेहतर बनाने के अलावा धरती में भेजे जाने वाले डेटा प्रोसेसिंग की स्पीड के साथ उसकी क्वालिटी को भी बढ़ाएंगे साथ ही स्पेसक्रॉफ्ट में लगे सेंसर अब वहीं डेटा एकत्र करेंगे जिसकी जरूरत है।
Martian को अपग्रेड करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा
INAF में ऑपरेशन मैनेज़र और MARSIS डिप्टी प्रिंसिपल इनवेस्टीगेटर Andrea Cicchetti ने इस अपग्रेड के बारे में जानकारी देते हुए कहा पहले मंगल की सतह का अध्यन करने के लिए हमें कई जटिल तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ता था जो इसकी ऑनबोर्ड मैमोरी को हाई-रेज्यूलूशन डेटा की वजह से भर देता था।
मार्स एक्सप्रेस ESA's का पहला प्लानेटरी मिशन है साथ ही ये धरती के अलावा दूसरे ग्रह का चक्कर लगाने वाला दूसरा सबसे पुराना एक्टिव स्पेसक्रॉफ्ट है। इससे पुराना स्पेसक्रॉफ्ट नासा का ओडिसी है जिसे 2001 में भेजा गया था। सॉफ्टवेयर अपग्रेड में मदद करने वाली आइटी इटेलियन कंसल्टिंग फर्म Enginium की इंजीनियर Carlo Nenna का कहना है इतने पुराने ऑर्बिट में नए सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करना अपने आप में एक चैलेंज था।
MARSIS की परफार्मेंस को बढ़ाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसका सॉफ्टवेयर विंडो 98 पर आधारित था यानी हमें इसी प्लेटफार्म के मुताबिक नया सॉफ्टवेयर अपडेट करना पड़ा।
अपग्रेड के बाद स्पेसक्रॉफ्ट ऑरबिट ने मंगल ग्रह के दो प्राकृतिक उपग्रहों में से सबसे बड़े व नज़दीकी उपग्रह फोबोस की तस्वीरे देना शुरु कर दिया है उम्मीद है इससे आने वाले समय में एस्ट्रोनॉट्स को काफी मदद मिलेगी।
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