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आखिर बैंगलूरु मेट्रो में हिन्दी बेड़ा क्यों ?
नम्मा मेट्रो हिंदी बेड़ा यानी हमारी मेट्रो में हिंदी नहीं चलेगी, आजकल सोशल मीडिया में ये कैंपेन काफी जोर पकड़ता नजर आ रहा है। ट्विटर से लेकर फेसबुक में हर जगह #NammaMetroHindiBeda, #stopHindiImposition हैश टैग ट्रेंड मार रहा है। अब इसे पढ़कर आपका खून तो जरूर खोल रहा होगा लेकिन अगर यहां के स्थानिय लोगों का तर्क सुनेंगे तो शायद आपको भी लगे हा ये सही कह रहे हैं।
सबसे पहले ये जान लीजिए ये कैंपेन क्यों और किसके लिए चलाया जा रहा है, दरअसल बैंगलुरु के मेट्रो स्टेशन और मेट्रो के अंदर जो साइन बोर्ड लगे हैं उनमें हिन्दी और अंग्रेजी का इस्तेमाल किया गया है यहां तक अंदर होने वाला एनाउंसमेंट भी हिन्दी और अंग्रेजी में हो रहा है। यहां के कुछ कन्नड़ समर्थक संगठनों ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए इर पर रोष व्यक्त किया है।
उनका कहना है हिन्दी हम पर थोपी जा रही है जब चैन्नई मेट्रो में तमिल और अंग्रेजी का प्रयोग किया जा रहा है तो यहां हिन्दी का क्यों, वैसे हम आपको बता दे लोगों ने इसे लेकर फेसबुक पर लंबे चौड़े लेख पोस्ट कर रखे हैं और ट्विट पर ट्विट किए जा रहे हैं।
आप खुद ही देख लीजिए
Appreciate Kannadigas for their fight to #stopHindiImposition . We should not allow even a single Hindi letter #NammaMetroHindiBeda
— புரட்சி - Puratchi (@RPuratchimani) June 21, 2017
Today no kannada in our banks.We dont want the same in Namma Metro.#NammaMetroHindiBeda #NammaMetroKannadaSaku pic.twitter.com/xF2baVMFCg
— ಭಾರದ್ವಾಜ ಕಾರಂತ (@BrdjKarantha) June 20, 2017
Dear @uavasanthrao we found this in #NammaMetro. Can you tell us what nonsense is this ? #NammaMetroHindiBeda #StopHindiImposition pic.twitter.com/JFRYaagO7X
— PLE Karnataka (@PLEKarnataka) June 20, 2017
अब ये तो था मुद्दा जिसमें राजनीति करने वाले बड़े मजे से तंदूरी बना रहे हैं लेकिन एक सुझाव है कन्नड़, अंग्रेजी के साथ अगर हिन्दी भी दे दो तो कुछ बिगड़ तो नहीं जाएगा, आखिर हम सब हैं तो भारतीय ही न और हमारी राष्ट्रभाषा बताने की जरूरत नहीं ?
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