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चेन्नई के कस्बों में खुलेंगे महिलाओं के लिए साइबर कैफे
तमिलनाडु में महिलाओं के लिए विशेष बसें, रेलवे कोच तथा कॉलेजों के बाद अब शहर के कस्बों और छोटे शहरों में उनके लिए विशेष साइबर कैफे खुलेंगे। इसका उद्देश्य इंटरनेट तक महिलाओं की सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करना है। एम्पॉवहर कंपनी से जुड़े संतोष कुमार सुब्रह्मण्यम ने साइबर कैफे के बारे में जानकारी देते हुए कहा, छोटे शहरों एवं कस्बों में लोग, खासकर महिलाएं कम्प्यूटर एवं इंटरनेट में माहिर होने के बावजूद विभिन्न कारणों से साइबर कैफे का इस्तेमाल नहीं करती हैं।"
कंपनी का उद्देश्य महिलाओं के लिए सुरक्षित, आरामदायक एवं सूचनाओं के समृद्ध स्थान बनाना है। यह परियोजना ताम्बाराम कस्बे या कांचीपुरम जैसे छोटे शहरों के लिए है। सुब्रह्मण्यम ने कहा, हम परियोजना के लिए अध्ययन कर रहे हैं।
मौजूदा रूझानों के मुताबिक, महिलाओं के लिए विशेष साइबर कैफे की योजना कस्बों एवं छोटे शहरों में ही सफल होगी, चेन्नई के मुख्य शहर में नहीं। उन्होंने कहा, बड़े शहरों में महिलाएं अपने घर से इंटरनेट का इस्तेमाल करती हैं, जबकि कस्बों एवं छोटे शहरों में रहने वाली महिलाओं के साथ ऐसा नहीं होता।
उन्होंने यह भी कहा कि अध्ययन से मालूम होता कि यहां साइबर कैफे का इस्तेमाल करने वालों में महिलाओं की संख्या केवल 20 प्रतिशत है। छोटे शहरों एवं कस्बों में महिलाओं द्वारा साइबर कैफे के कम इस्तेमाल के मार्ग में कई कठिनाइयां हैं।बहुत से साइबर कैफे में उन वेबसाइटों को देखने के बाद उन्हें सूची से हटा देने (ब्राउजिंग हिस्ट्री डिलीट) का विकल्प नहीं होता, जिन्हें इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले देखते हैं। ऐसे में साइबर कैफे में महिलाओं द्वारा किसी तरह तरह की साइट देखे जाने पर उन्हें कई बार शर्मिदगी का सामना करना पड़ जाता है।
इसके अतिरिक्त, राज्य के छोटे शहरों में साइबर कैफे ऐसे स्थानों पर हैं, जहां महिलाएं जाने से बचती हैं। ऐसे में कंपनी की इस योजना से महिलाओं को निश्चित रूप से फायदा होगा और कंपनी को आर्थिक लाभ भी होगा।
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