अब टेक्नोलॉजी की मदद से बनेगी Man Made Eyes

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टेक्नोलॉजी की दुनिया दिन-प्रतिदिन आगे ही बढ़ती जा रही है। टेक्नोलॉजी की कोई सीमा नहीं है। वो इतनी आगे बढ़ सकती है जहां तक कि इंसानों की कल्पना भी नहीं जा सकती है। इसका उदाहरण हमें लगातार मिलता जा रहा है। ऐसा ही एक और उदाहरण सामने आया है, जिसकी बात हम यहां करने जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से अब अंधे व्यक्ति को बिना आंख बदले भी दुनिया दिखाई देने लगेगी।

अब टेक्नोलॉजी की मदद से बनेगी Man Made Eyes

अभी तक आपने अंधे लोगों के बारे में जब भी सुना होगा तो यही सुना होगा कि वो या तो हमेशा अंधे ही रह जाते हैं और या नहीं तो अपनी आँख को बदलवाकर अपनी रोशनी ला पाते हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी की खोज की है जिसकी मदद से अंधे व्यक्ति की आखों में रोशनी डाली जाएगी। इसका मतलब अंधे लोग बिना आंख बदले भी सबकुछ देख पाएंगे।

Bionic Eye Technology से मिली रोशनी

Bionic Eye Technology से मिली रोशनी

इस असंभव चीज को संभव बनाने वाली टेक्नोलॉजी का नाम Bionic Eye Technology है। इस तकनीक की मदद से इंसान की आंखों की रेटीना के पीछे एक इलेक्ट्रोनिक चिप फिट की जाती है। इसकी मदद से अंधे लोगों की आंखों में रोशनी आने लगती है। इस तकनीक के कई उदाहरण मौजूद हैं। बीबीसी के एक रिपोर्ट के मुताबिक कार्डिफ में रहने वाली एक महिला रियान लुईस को दाईं आंख से कुछ दिखाई नहीं देता था और बाईं आंख में भी नाम मात्र की ही रोशनी थी।

रियान ने बीबीसी को बताया कि उन्हें ऐसा लगता है कि सबकुछ ढूंढला और धीरे-धीरे वो ढूंढलापन भी कम होता जा रहा है। इस बीमारी का नाम Retinitis Pigmentosa है, जिसे हिंदी में लिखे तो रेटिनटिस पिगमेनटोसा होगा। यह एक आनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है लेकिन ऑक्सफॉर्ड के एक अस्पताल John Radcliffe Hospital के एक ट्रायल ने रियान की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव ला दिया।

Bionic Eye का सफल ट्रायल
 

Bionic Eye का सफल ट्रायल

John Radcliffe Hospital में डॉक्टरों ने 6 ऐसे लोगों पर Bionic Eye का ट्रायल किया जिन्हें दिखाई नहीं देता था या काफी कम दिखाई देता है। उन 6 लोगों में से एक रियान भी थी। इस ट्रायल में डॉक्टरों ने रियान के दाईं आंख की रेटीना के पीछे एक इलेक्ट्रोनिक चिप फिट की जिसे बायोनिक आई कहा जाता है। इसके ऑप्रेशन के कुछ महीने बाद रियान की रोशनी वापस आने लगी, उन्हें थोड़ा-थोड़ा दिखाई देने लगा और कुछ टाइम बाद एक ऐसा टाइम आया कि रियान को सबकुछ साफ-साफ दिखाई देने लगा।

रियान का केस कुछ साल पुराना है लेकिन उसके बाद भी ऐसे बहुत सारे केस आए जिसमें बायोनिक आई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है और डॉक्टरों ने सफलता भी पाई है। हालांकि अभी तक इस तकनीक 100% सफल नहीं बना पाया गया है लेकिन दुनियाभर के बड़े-बड़े डॉक्टरों और शोधकर्ताओं का मानना है कि अब वो बायोनिक आई को पूरी तरह सफल बनाने के बिल्कुल करीब हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ मिनीसोटा की रिपोर्ट

यूनिवर्सिटी ऑफ मिनीसोटा की रिपोर्ट

यूनिवर्सिटी ऑफ मिनीसोटा के शोधकर्ताओं ने हाल में एक स्टडी की और उसकी रिपोर्ट में बताया कि उन्होंने Bionic Eye के नमूने का 3D प्रिंट निकालने में कामयाबी हासिल कर ली है। इस 3डी प्रिंट में लाइट रेसिप्टर भी शामिल किया गया है। लाइट रेसिप्टर का मतलब है कि लाइट या केमिकल सिग्नल को कैच रिसीव करना।

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दरअसल इस तकनीक में डॉक्टरों को कर्व्ड सतह पर इलेक्ट्रॉनिक्स को प्रिंट करना मुश्किल हो गया। इस मुश्किल से निजात पाने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मिनीसोटा के शोधकर्ताओं ने कांच के hemispherical surface यानि अर्धगोलाकार सतह पर Bionic Eye के नमूने का 3D प्रिंट तैयार किया है। इस प्रिंट को निकालने के लिए भी एक विशेष तरह के प्रिंटर और इंक का इस्तेमाल किया गया है। इस इंक की विशेषता है कि वो कभी बहती नहीं है।

इस रिचर्स के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ मिनीसोटा के मैकनिकल इंजीनियर और प्रोफेसर माइकल मैक अल्पाइन ने कहा, यह हमारे लिए एक बड़ी और हैरान कर देने वाली सफलता है। उन्होंने कहा कि अभी तक बायोनिक तकनीक को एक कल्पना माना जा रहा था लेकिन अब हम इस तकनीक को पूरी तरह सफल बनाने के काफी करीब हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अभी इस तकनीक में काफी कुछ करना बाकी है।

बहराल, इस रिपोर्ट और अध्ययन से यह पता चलता है कि आने वाले कुछ सालों में कृत्रिम आंख यानि मेन मेड, इंसानों द्वारा बनाई गई आंख की मदद से दृष्टिहीन व्यक्ति भी दुनिया की हर चीज देख पाएंगे और एक आम इंसान की तरह जिंदगी जी पाएंगे। यह वाकई में टेक्नोलॉजी का एक खास कमाल है। आने वाले समय में टेक्नोलॉजी इंसानों को क्या-क्या दे सकती हैं, इसकी शायद हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

इमेज और कंटेंट क्रेडिट:- BBC , University of Minnesota

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English summary
Whenever you have heard about the blind people, it must have been heard that they either remain blind forever or else they can change their eyes and bring their light. Now scientists have discovered a technology that will help to light the eyes of the blind person. That means blind people will see everything without changing the eye.

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