होलोपोर्टेशन क्या है? आखिर नासा ने कैसे भेजा 'होलोपोर्टेड' डॉक्टर को पृथ्वी से अंतरराष्ट अंतरिक्ष स्टेशन?

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जिस समय पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से लड़ रही थी उस समय अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) कुछ नई और अलग हाई-टेक कैप्चर तकनीक के परीक्षण जैसे कामों में लगी थी। आज देख कर लगता है स्पेस एजेंसी नासा (Nasa) ने अपने इस परीक्षण में और स्पेस ( Space ) कम्युनिकेशन के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है। नई तकनीक को 'होलोपोर्टिंग' ( Holoportation ) कहा जा रहा है।

 
होलोपोर्टेशन ( Holoportation ) क्या है ?

इससे पहले इस तरह का कोई हाउस कॉल कभी नहीं आया। टेलीप्रेजेंस संचार के लिए पहली बार, नासा (Nasa) के फ्लाइट सर्जन डॉ जोसेफ श्मिड को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में 'होलोपोर्ट' ( Holoport ) किया गया था, जो वास्तविक समय में आभासी उपस्थिति के रूप में दिखाई दे रहा था और पृथ्वी की सतह से सैकड़ों मील ऊपर था।

 

आसान शब्दों में कहे तो एक पर्सनल कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करने वाले इंजीनियरों ने डॉक्टरों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में भेजा, जिसे अंतरिक्ष में पृथ्वी से पहला होलोपोर्टेशन हैंडशेक ( Holoportation Handshake ) कहा जा रहा है।

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हाइलाइट्स :

- नासा ने किया नई होलोपोर्टिंग कम्युनिकेशन ( Holoportation Communication ) तकनीक का परीक्षण
- पलक झपकते ही धरती पर बैठे डॉक्टर आए स्पेस स्टेशन पर नजर
- नासा के मुताबिक इस नई प्रक्रिया के लिए होता है हाई-टेक कैप्चर तकनीक का इस्तेमाल

होलोपोर्टेशन ( Holoportation ) क्या है ?

होलोपोर्टेशन ( Holoportation ) क्या है ?

नासा (Nasa) के अनुसार, होलोपोर्टेशन ( Holoportation ) तकनीक एक ऐसी तकनीक है जो उपयोगकर्ताओं को 3डी में दूरस्थ प्रतिभागियों को देखने, सुनने और बातचीत करने की अनुमति देती है जब इन छवियों को मिश्रित रियलिटी डिस्प्ले जैसे HoloLens के साथ जोड़ा जाता है जिससे उपयोगकर्ताओं को वास्तव में एक ही भौतिक स्थान पर मौजूद होने का आभास होता है।

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श्मिट ने कहा यह विशाल दूरी पर मानव संचार का एक बिल्कुल नया तरीका है," उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि हमारा शरीर वहां नहीं है लेकिन हमारा इंसानी वजूद वहां है।

"इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरिक्ष स्टेशन 17,500 मील प्रति घंटे की यात्रा कर रहा है और पृथ्वी से 250 मील ऊपर कक्षा में निरंतर गति में, अंतरिक्ष यात्री तीन मिनट या तीन सप्ताह बाद वापस आ सकता है और सिस्टम चलने के साथ, हम उस स्थान पर होंगे ।"

उन्होंने कहा , अगले दोतरफा संचार के साथ इसका उपयोग करने की योजना है, जिससे पृथ्वी पर लोगों को अंतरिक्ष में होलोपोर्ट ( Holoport ) किया जाता है और अंतरिक्ष यात्रियों को वापस पृथ्वी पर रखा जाता है साथ ही ये काफी रोचक है।

इसी के साथ नासा (Nasa) के फ्लाइट सर्जन डॉ. जोसेफ श्मिड और एईएक्सए एयरोस्पेस के सीईओ फर्नांडो डी ला पेना लाका पृथ्वी से अंतरिक्ष में होलोपोर्ट ( Holoport ) किए गए पहले इंसान बने।

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भविष्य में नासा (Nasa) की क्या है तैयारी ?

भविष्य की बात करें तो नासा (Nasa) का कहना है अभी वह अपनी इस नई प्रौद्योगिकी पर और काम करने वाले है और नासा (Nasa) को उम्मीद है कि भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों की यात्रा के लिए अंतरिक्ष में मशहूर हस्तियों, मनोचिकित्सकों और परिवार के सदस्यों को 'होलोपोर्ट' ( Holoport ) करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।

 
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English summary
The agency NASA has achieved great success in this test and in the field of space communication. The new technology is being called 'holoportation'. In a first for telepresence communication, NASA flight surgeon Dr. Joseph Schmid was 'holoported' to the International Space Station (ISS), visible as a virtual presence in real time.

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