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फेक न्यूज़ से बचने के लिए फेसबुक ने निकाली स्कोर स्कीम
फेसबुक सोशल मीडिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। करोंड़ों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक से कही भी अपने परिवार या दोस्तों से जुड़ना काफी आसान है। हाल ही में फेक न्यूज़ फैलने की कई घटनाएं सामने आई है। जो ज्यादातर फेसबुक या Whatsapp के माध्यम से फैलाई जा रही है। Whatsapp ने इन फेक न्यूज़ को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, वहीं फेसबुक ने भी अपनी कमर कस ली है।
फेक न्यूज़ के लिए फेसबुक का प्लान
फेसबुक ने सोशल नेटवर्क पर भड़काने वाली झूठी खबरों को रोकने के लिए अपनी कुछ गोपनीयता और नीतियों में बदलाव किए हैं। फेसबुक निश्चित रूप से उन टेक्स्ट और पोस्ट पर नजर रखेगा जो सिर्फ तस्वीरों पर भरोसा करते हैं। जिससे फेक न्यूज़ फैलने का ज्यादा खतरा होता है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि श्रीलंका में फेसबुक पोस्टों ने मुस्लिमों के खिलाफ हिंसक दृष्टिकोण को पैदा किया है। इन फेक न्यूज़ के फैलने के कारण कई हिस्सों में हिंसा को बढ़ावा मिला है। ख़बर मिली थी कि इन फेक न्यूज़ के कारण पहले से ही दो मौतें हो चुकी है। वहीं कम से कम आठ लोगों के घायल होने की बात सामने आई थी।
फेसबुक देगा यूजर्स को स्कोर
राजनीतिक चुनाव सिर पर है, जिसमें फेक खबरों का काफी महत्व होता है। दुनिया का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क फेसबुक पहले से ही राजनीतिक चुनाव के दौरान नकली खबरों के प्रसार के बारे में चिंता दिखा रहा है। झूठी खबरों के फैलने से रोकने के लिए फेसबुक उन यूजर्स को स्कोर करेगा जो बता पाएंगे की पोस्ट या शेयर किया गया कंटेंट सही या गलत है। यूजर्स का मूल्यांकन 0 से 1 के पैमाने पर किया जाएगा। इसका लक्ष्य आंतरिक रूप से रैंक करना है। साथ ही उन लोगों को खोजना है जो फर्जी समाचार जैसा कंटेंट फैलाते हैं। जो वास्तव में सही नहीं होता है।
यह कदम मूल रूप से सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म फेसबुक द्वारा उठाया गया है ताकि एजेंसियों के भारी काम को कम करने में मदद की जा सके। साथ ही उन्हें पहले से पता चल पाएगा कि सिग्नल किया गया कंटेंट किस व्यक्ति ने शेयर किया है। कई बार ऐसा होता है कि हम जो सोचते हैं वह सच से बिल्कुल अलग होता है। जब हम वह बात सोशल मीडिया में लोगों से शेयर करते हैं, तब लोग उसे सच मानने लगते हैं। यहीं कारण है जिससे फेक न्यूज़ ज्यादा फैलती है और नुकसान पहुंचाती है।
क्या कहता है फेसबुक
फेसबुक की प्रोडक्ट मैनेजर टेस्सा लियोन ने कहा कि लोगों का हमें यह बताना कि कुछ गलत है, इसमें कोई असामान्य बात नहीं है। क्योंकि कई बार लोग कहानी से सहमत नहीं होते हैं। कभी-कभी वे जानबूझकर एक विशिष्ट पद तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। टेस्सा ने यह भी कहा कि लोगों के लिए यह कहना असामान्य नहीं है कि कुछ झूठ है क्योंकि वे कहानी के आधार पर सहमत नहीं हैं।
बता दें स्कोर के अलावा, स्वचालित मूल्यांकन में व्यक्ति की बातचीत के कई पहलुओं को भी ध्यान में रखा जाएगा। हालांकि लियोन ने यह नहीं बताया है कि कंपनी के आंतरिक स्कोर में मदद के लिए हर यूजर्स के लिए अंक कैसे काम में आ सकेंगे। कंपनी को विश्वास है कि इस प्रयास के फैक न्यूज़ पर कंट्रोल किया जा सकेगा। लोग भी न्यूज़न्यूज़न्यूज़न्यूज़ पर भरोसा करने से पहले खबर की जड़ तक जाने का प्रयास करेंगे।