भारत में कम हो सकता है कोरोना का प्रकोप अगर हम यूज करें ये टेक्‍नालॉजी


इस समय हर देश कोविड-19 से बचने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है, लगभग सभी बड़े देशों में इसकी वैक्‍सीन खेजने के लिए दिन-रात रिसर्चर लगे हुए है। वहीं दूसरी ओंर भारत को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया है हालाकि चाइना के वुहान में जो कोरोना वायरस के संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित था वहां लॉकडाउन हटा दिया गया है।

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कोरोना वायरस को रोकने के लिए भले ही अभी तक कोई दवा न बनी हो लेकिन चाइना ने इससे लड़ने के लिए टेक्‍नालॉजी का उपयोग किया जिसका फायदा भी हुआ। आज हम आपको कुछ ऐसी ही टेक्‍नालॉजी के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍हें भारत में अगर प्रयोग किया जाए तो काफी हद तक इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।

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कलर कोड

चीन में सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए एक सिस्‍टम तैयार किया ये सिस्‍टम वहां की सबसे बड़ी टेक कंपनी अलीबाबा और टेनसेंट ने मिलकर बनाया जिसकी मदद से सेहत की रेटिंग के हिसाब से कुछ कलर कोड तैयार किए गए इन्‍हीं कलर कोड को ट्रैक कर करोड़ो लोगो पर नज़र रखी गई।

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सबसे पहले चाइना के हैंगजोउ में अलीबाबा के साथ मिलकर इस एप को शुरु किया गया इस एप में तीन तरह के कलर दिए गए थे रेड, येलो और ग्रीन जिनके आधार पर वहां के नागरिकों की ट्रैवल और मेडिकल हिस्‍ट्री पर नज़र रखी गई। इसी तरह से मिलता जुलता सॉफ्टवेयर टेनसेंट ने भी बनाया।

रोबोट का इस्‍तेमाल

हॉस्‍पिटल में दिन रात काम कर रहे डॉक्‍टर और पैरामेडिकल स्‍टाफ के लिए खाना बनाने से लेकर होटल और दूसरी जगहों में वैटर की जरूरत का पूरा करने के लिए रोबोट का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है। इसके अलावा एयरपोर्ट, मेट्रो स्‍टेशन के साथ ऐसे कई पब्‍लिक प्‍लेस पर हम रोबोट का इस्‍तेमाल करके खाने से लेकर हैंड सेनेटाइज़र की सर्विस प्रोवाइड कर सकते हैं।

चाइना में इस दौरान कई जगहों पर रोबोट की मदद से थर्मल इमेज और मेडिकल सेंपल को ट्रांसपोर्ट किया गया। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लिटिल पीनट नाम के छोटे से रोबोट ने सिंगापुर से हैंगजोउ की फ्लाइट में खाना पहुंचाने का काम किया।

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस

AI का प्रयोग आज हर क्षेत्र में हो रहा है, डेटा एनेलिसिस और पहले से तैयार मॉडल की मदद से मेडिकल प्रोफेशनल किसी भी बीमारी को ज्‍यादा अच्‍छी तरह से समझ सकते हैं।

लॉकडाउन के बीच सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा डिजिटल इंडिया

चाइना में इंटरनेट की सबसे बड़ी कंपनी बायडू ने एक ऐसा टूल बनाया जिसकी मदद से बड़ी जनसंख्‍या की स्‍क्रीनिंग की गई। इस समय ये टेक्‍नालॉजी बीजिंग के क्‍विंघी रेलवे स्‍टेशन में उन यात्रियों की स्‍क्रीननिंग के लिए प्रयोग की जा रही है जो इस बीमारी से ग्रसित है। इसकी मदद से एक मिनट में 200 यात्रियों की स्‍क्रीनिंग की जा सकती है।

ऑटोनोमस व्‍हेकिल

कोरोना जैसी बीमारी में सोशल डिस्‍टेंस काफी मायने रखता है ताकि ये वायरस एक से दूसरे में ट्रांसफर न हो, बायडू की अपोलो यूनिट ने ऑटोनोमस व्‍हेकिल प्‍लेटफार्म तैयार किया जो देखने में एक छोटी की कार की तरह लगता है। क्‍लाउड सर्विस की मदद से इन व्‍हैकिल्‍स द्वारा जरूरी दवाईयो को एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचाया गया।

इसके अलावा चाइनीज़ सेल्‍फ ड्राइविंग कंपनी आईड्राइवरप्‍लस ने इलेक्‍ट्रिक स्‍ट्रीट क्‍लीनिंग व्‍हेकिल भी इस दौरन यूज़ किए, इसके अलावा कंपनी ने हॉस्‍पिटल को डिसइंफेक्‍ट करने के लिए फ्लैगशिप व्‍हेकिल भी बनाए।

Best Mobiles in India

English Summary

The Wuhan coronavirus outbreak has become a global calamity, leaving thousands dead, millions vulnerable, supply lines collapsed, economies derailed, factories shunted and cities under lockdown. These are Some latest Technologies and various ways through which China is waging war against this deadly strain.