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यूजर्स को हैकर्स से बचाने गूगल लाया खास फीचर, ऐसे करेगा काम
पिछले कुछ समय में ऑनलाइन हैकिंग के मामले तेजी से बढ़े हैं। इन मामलों में जो चीज सबसे ज्यादा कॉमन थी, वो ये कि हैकर्स ने यूजर्स को शिकार बनाने के लिए फिशिंग हैकिंग का सहारा लिया। इस तरह की हैकिंग में यूजर्स के पास मैलवेयर और रेनसमवेयर लिंक के रूप में भेजे जाते हैं, जिन पर क्लिक कर यूजर हैकर्स का शिकार बन जाता है। इस तरह की हैकिंग के जरिए न सिर्फ आम यूजर्स बल्कि बड़े ऑर्गनाइजेशन के इंटरनेट सिस्टम को भी हैक कर लिया जाता है। अब गूगल ऐसे ने ऐसे इस परेशानी से निबटने के लिए नया फीचर अपडेट लाने वाला है।
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क्या है फिशिंग (Phishing)-
हैकर्स सायबर अटैक के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें फिशिंग सबसे कॉमन है। इसमें यूजर्स को अलग-अलग मालवेयर से प्रभावित लिंक और अटैचमैंट भेजे जाते हैं। हैकर्स सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल इसीलिए करते हैं, क्योंकि यूजर्स आसानी से इसका शिकार बन जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में फिशिंग या स्कैम्स में काफी बढ़ोतरी हुई है।
ये है गूगल का फीचर-
गूगल ने हैकर्स से निबटने के लिए एंटी-फिशिंग सिक्योरिटी चेक फीचर पेश किया है। इस फीचर के जरिए मिलियन आईफोन और आईपैड यूजर्स फिशिंग ई-मेल्स के जरिए हैकिंग का शिकार होने से बच सकेंगे।
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ऐसा होगा सिक्योरिटी वार्निंग-
अगर यूजर किसी ऐसे लिंक पर क्लिक करेगा, जो गूगल के हिसाब से संदिग्ध होगी, तो स्क्रीन पर इससे संबंधित एक वार्निंग पॉप-अप आ जाएगा। इस वॉर्निंग में यूजर को कुछ ऐसा मैसेज मिलेगा, "This link leads you to an untrusted site. Are you sure you want to proceed to example.com?"
अगर यूजर पहली वार्निंग को नजरअंदाज कर आगे बढ़ता है, तो जीमेल ऐप दूसरी वार्निंग का मैसेज देगा, जिसमें विस्तार से उस संदिग्ध वेबसाइट की जानकारी दी गई होगी। यह मैसेज कुछ ऐसा होगा, "Warning - phishing (web forgery) suspected. The site you are trying to visit has been identified as a forgery, intended to trick you into disclosing financial, personal or other sensitive information. You can continue to example.com at your own risk."
एंड्रायड यूजर्स के लिए भी अवेलेबल-
ऐसा ही फीचर एंड्रायड जीमेल यूजर्स के लिए मई में जारी किया गया था। हालांकि, यह फीचर हर फिशिंग ईमेल को डिटेक्ट नहीं कर पाता है। बता दें कि पिछले कुछ समय में लगातार फिशिंग सायबर अटैक के मामले बढ़े हैं। ऐसे में जीमेल यूजर्स को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन भी इनेबल करना जरुरी है। इससे अगर हैकर्स यूजर्स की जानकारी को चुराने की कोशिश करते हैं, तो वो यूजर के फोन या यूएसबी क्रिप्टोग्राफिक की (USB cryptographic key) के बिना उनके अकाउंट को एक्सेस नहीं कर पाएंगे।
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