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खतरनाक हो सकता है गूगल से हर बात पूछना !
न्यूरोसाइंटिस्ट डॉक्टर कीटिंग के अनुसार, किसी भी शारीरिक या मानसिक समस्या में डॉक्टर गूगल का सहारा लेने से बेहतर है कि डॉक्टर से फेस टू फेस कंसल्ट किया जाए।
हमारे सामने आने वाली ऐसी हर चीज, जिसके बारे में हमें जानकारी नहीं होती, तो अपनी हर उत्सुकता का जबाव खोजने हम गगूल करते हैं। अगर आप भी दिन-रात बस गूगल सर्च ही करते रहते हैं, तो ये खबर आप जैसे लोगों के लिए ही है। मनोवैज्ञानिक और न्यूरोसाइंटिस्ट ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हर बात गूगल से पूछने की जगह कभी-कभी डॉक्टर्स से कंसल्ट करना बेहतर होता है।
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कहा जाता है कि गूगल के पास आपकी हर उलझन का उपाय होता है, लेकिन अगर आप हर सवाल का जबाव गूगल पर ही सर्च करते हैं, तो अब सावधान हो जाइए। http://www.abc.net.au पर प्रकाशित एक खबर के मुताबिक मनोवैज्ञानिकों ने उन पेरेंट्स को सचेत किया है, जो अपने बच्चों के असामान्य व्यवहार का हल गूगल के जरिए खोजते हैं। न्यूरोसाइंटिस्ट का कहना है कि अगर बच्चा अजीब या असामान्य व्यवहार कर रहा है, तो ऐसे में गूगल का सहारा लेने की जगह डॉक्टर्स से मदद लेना बेहतर होगा।
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रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि ज्यादातर पेरेंट अपने बच्चों को डॉक्टर्स या थेरेपिस्ट के पास ले जाने से बचते हैं और गूगल की मदद से खुद ही ईलाज करने की कोशिश करते हैं। ऐसा करना गलत है और इससे सिचुएशन और भी बुरी हो सकती है। न्यूरोसाइंटिस्ट डॉक्टर कीटिंग के अनुसार, किसी भी शारीरिक या मानसिक समस्या में डॉक्टर गूगल का सहारा लेने से बेहतर है कि डॉक्टर से फेस टू फेस कंसल्ट किया जाए, खासतौर पर अगर मामला बच्चों से जुड़ा हुआ हो।
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