17 साल की उम्र में कह दिया दुनिया को अलविदा

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जब सैम बर्न 22 महिने का था तभी पता चला सैम को प्रोगेरियर नाम की रेयर बीमारी है जो दुनिया में काफी कम लोगों को होती है। अगर आपने अमिताभ बच्‍चन की "पा" फिल्‍म देखी होगी तो शायद आप बेहतर समझ सकेंगे कि प्रोगेरिया क्‍या होती है। डाक्‍टरों को जब पता चला सैम को प्रोगेरिया है तो उन्‍होंने साफ तौर पर कह दिया कि ये 13 साल से अधिक नहीं जी पाएगा लेकिन सैम का देहांत 17 साल की उम्र में हुआ। जब तक सैम दुनिया में रहा हमेशा उसने एक ही बात कहीं कि वो अपनी जिंदगी से बेहद खुश है।

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सैम को पता था कि वो इस बीमारी की वजह से ज्‍यादा दिन जीवित नहीं रह सकेगा लेकिन उसने हमेशा दूसरों को जीने की प्रेरणा दी। प्रोगेरियर से पीडि़त मरीज की उम्र एक साधारण इंसान की उम्र के मुकाबले 7 गुना तेजी से बढ़ती है। बर्न को खेलना, म्‍यूजिक सुनन अच्‍छा लगता था, सैम के माता पिता लीसेलाई गार्डन ओर सकॉट बर्न जो पेश से डाक्‍टर है, दोनों ने अपने बेटे की बीमारी को समझा और 2003 में प्रोगेरियर रिसर्च फाउंडेशन की स्‍थापना की।

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गार्डन और उनकी टीम ने 2003 में इस बीमारी से लड़ने के लिए पहली बार दवा बनाई जिससे इस बीमारी का इलाज हो सके। फेसबुक, ट्विटर और कई टीवी चैनलों ने बर्न के इंटरव्यू प्रकाशित किए।

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सैम बर्न की मौत के बाद किए गए ट्विट

#1

न्‍यू इंगलैंड पेट्रियॉट द्वारा किया गया ट्विट 

#2

Dale Arnold

#3

@Ferknuckle

#4

@babsphoto

#5

My philosophy for a happy life: Sam Berns at TEDxMidAtlantic 2013

 
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