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बैकपैक लेकर चलिए, चार्ज होगा मोबाइल फोन
वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बैटरी चार्ज करने की आवश्यकता को देखते हुए शोधकर्ताओं ने एक ऐसा ऊर्जा स्रोत विकसित किया है, जो आपकी गति (चलने) पर निर्भर करता है। अमेरिका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने सामग्री वैज्ञानिक झोंग लीन वांग के नेतृत्व में एक ऐसा बैकपैक (सामान का बस्ता) तैयार किया है, जो चलने के दौरान होने वाले कंपन से उत्पन्न यांत्रिक ऊर्जा को ग्रहण कर इसे इलेक्ट्रिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है।
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इस तकनीक को छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है। इसके तहत आपको अपने साथ सिर्फ एक बैकपैक लेकर चलना होगा, जिसमें पतले और हल्के प्लास्टिक शीट से बना उपकरण होगा, जो एक विषमकोण ग्रिड के साथ बंधा होगा।
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चलने से जब हमारे शरीर का भार एक तरफ से दूसरी तरफ यानी दाएं से बांए स्थानांतरित होता है, उससे बैकपैक में मौजूद उपकरण की प्लास्टिक शीट बार बार जुड़ती और अलग होती है। इस प्रक्रिया को ट्राइबो इलेक्ट्रिफिकेशन इफेक्ट कहते हैं, जो स्थिर विद्युत में भी मौजूद होती है।
पत्रिका 'एसीएस नैनो' में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओ ने कहा है, "बैकपैक दो से पांच वाट ऊर्जा पैदा करने में सक्षम है। यह बैकपैक ढोने वाले इंसान के चलने की गति और वजन पर निर्भर करता है। लेकिन ऊर्जा की यह मात्रा छोटे उपकरणों, जैसे मोबाइल फोन आदि को चार्ज करने के लिए पर्याप्त है।"
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