नोएडा की स्‍टूडेंट ने बनाया जेंडर इक्वलिटी पर एप

|

जेंडर इक्वलिटी एक सामाजिक बुराई है और यह हमेशा से ही सामाजिक बहस का मुद्दा रही है। 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' नारे के माध्यम से सरकार भी लैंगिक समानता का संदेश फैलाने की कोशिश में जुटी है। इसी क्रम में नोएडा की एक छात्रा ने एक ऐसा मोबाइल ऐप विकसित किया है, जिसके माध्यम से छात्र, शिक्षक और परिजन परस्पर संवाद के माध्यम से लैंगिक समानता का संदेश प्रसारित करने में भागीदार बन सकते हैं।

 

बड़ों की छोटी सोच के कारण बच्चे भी लैंगिंक असमानता में भागीदार बनने लगे हैं लेकिन नोएडा स्थित पर्ल अकादमी में पढ़ने वाली ऋषिका जैनी अपने ऐप के माध्यम से लोगों में सकारात्मक सोच का संचार करना चाहती हैं। इसके लिए ऋषिका ने सागा (सेक्सुएलिटी एंड जेंडर अवेयरनेस/एक्नोलेजमेंट) नाम का एक मोबाइल ऐप बनाया है, जो आने वाले समय में गूगल ऐप्स पर उपलब्ध होगा।

 
नोएडा की स्‍टूडेंट ने बनाया जेंडर इक्वलिटी पर एप

पॉलिटेक्निक की छात्रा ऋषिका के मन में भी जेंडर इक्वलिटी को लेकर कई तरह के सवाल थे। ऋषिका भी बचपन से अपने आसपास लैंगिक असमानता को लेकर कई सारी चीजों को देखते हुए बड़ी हुई और इन्हीं सारी चीजों को समाज से दूर करने के लिए उनके मन में सागा बनाने का ख्याल आया। इसे तैयार करने में ऋषिका को पूरे छह महीने का वक्त लगा।

पढ़ें: रियलमी 2019 में लांच करेगी पहला 5 जी हैंडसेट

सागा एक ऐसा ऐप है जिसे खासतौर पर मिडिल स्कूल से लेकर हाईस्कूल के बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। ऋषिका का मानना है कि दस साल की उम्र से बच्चों में एक-दूसरे के प्रति लगाव की भावनाएं उत्पन्न होने लगती हैं और यही वह समय है जब उन्हें लैंगिक असमानता और यौन शिक्षा के बारे में शिक्षा दी जानी चाहिए। ऋषिका ने आईएएनएस से बातचीत में कहा,

एक उम्र ऐसा भी आता है, जब लड़का और लड़की एक-दूसरे के प्रति भेदभाव की भावना अपनाने लगते हैं। उन्हें ऐसा भी लगने लगता है कि ब्लू लड़कों का और पिंक लड़कियों का रंग होता है। आगे चलकर वे एलजीबीटी समुदाय के प्रति भी गलत रवैया अपनाने लगते हैं। मैं सागा के माध्यम से अब इन समस्याओं का निदान करना चाहती हूं। सागा मेरी छोटी सी कोशिश है और मुझे यकीन है कि इससे हमारे समाज में कुछ बदलाव तो जरूर आएगा।

नोएडा की स्‍टूडेंट ने बनाया जेंडर इक्वलिटी पर एप

ऋषिका के मुताबिक, सागा में लैंगिक असमानता से जुड़ी हर एक बात को काफी स्पष्ट रूप से समझाया गया है। इसमें कई तरह के फीचर्स भी हैं, जिनके माध्यम से लोग इस समााजिक मुद्दे से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ऋषिका ने आगे कहा, "सागा में कई तरह के गेम्स और कहानियां हैं, जिन्हें खेलकर या पढ़कर बच्चे समझ सकते हैं कि लैंगिक असमानता जैसी कोई चीज होनी ही नहीं चाहिए। अगर उनके मन में लैंगिक असमानता को लेकर कोई दुविधा या प्रश्न हो, तो सागा में वे सीधे तौर पर विशषज्ञों से बात भी कर सकते हैं। यह पूरी तरह इंटरेक्टिव ऐप है और इसे एक दूसरे के साथ संवाद के लिए ही तैयार किया गया है।

पढ़ें: स्‍टूडेंट लाइफ में इसलिए जरूरी हैं ये गैजेट्स

ऋषिका से जब ये पूछा गया कि बच्चे सागा को ही क्यों अपनाएंगे जबकि लैंगिक असमानता से जुड़ी जानकारियां वे किताबों, इंटरनेट या टेलीविजन से भी प्राप्त कर सकते हैं, इस पर ऋषिका ने कहा, "किताबों, इंटरनेट या टीवी पर जिस तरह की जानकारियां मिलती हैं वे या तो अपूर्ण या आंशिक रूप से ही सही होती है। सागा, लैंगिक असमानता से जुड़ी हर एक सटीक जानकारी को बारीकी से प्रदान करेगी। सागा पर दी जाने वाली जानकारी सम्पूर्ण और सच हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

नोएडा की स्‍टूडेंट ने बनाया जेंडर इक्वलिटी पर एप

ऋषिका ने कहा कि सागा को बनाने के लिए कई स्तर पर काम किया गया है। उन्होंने कहा, "इसके लिए भारत में व्यापक स्तर पर यौन शिक्षा के लिए काम करने वाले संगठनों से बात की गई है और सागा इन संगठनों द्वारा पूर्ण रूप से सत्यापित है। सागा में मौजूद हर एक जानकारी विश्वसनीय और एक खास आयु-वर्ग को ध्यान में रखकर है।

पढ़ें: 'पबजी मोबाइल' की वजह से इस कंपनी की हो गई चांदी ही चांदी

यानी कि सागा (सेक्सुएलिटी एंड जेंडर अवेयरनेस/एक्नोलेजमेंट) डिजिटली बच्चों, उनके माता-पिता, टीचर्स को लैंगिक असामनता या यौन शिक्षा से संबंधित जानकारी देगी। ऋषिका का मानना है कि सागा, समाज में लैंगिक असामनता को लेकर व्याप्त पूर्व अवधारणाओं को मिटा पाएगी।

जब ऋषिका से यह पूछा गया कि लोग सागा से किस तरह से लाभान्वित हो सकेंगे? तो इस सवाल पर ऋषिका ने कहा, "सागा को गूगल प्ले या ऐप स्टोर पर लाए जाने का काम जोरों से चल रहा है और उनकी कोशिश यही रहेगी कि आने वाले दस से बारह महीनों के अंदर इसे ऐप स्टोर या गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च किया जा सके ताकि जिन्हें ध्यान में रखकर इसे बनाया गया है, उन्हें इसका लाभ आसानी से मिल सके।"

 
Best Mobiles in India

Read more about:
English summary
Noida based Student Developed smartphone app based on gender equality.

बेस्‍ट फोन

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X